Samrat Vikramaditya Mahanatya: लाल किले ने सुनाई सम्राट विक्रमादित्य की कहानी, रोमांचित दर्शक बोले-ऐसा पहले कभी नहीं देखा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 13, 2025 10:07 IST2025-04-13T10:04:34+5:302025-04-13T10:07:11+5:30

Samrat Vikramaditya Mahanatya:

Samrat Vikramaditya Mahanatya Red Fort narrated story Emperor Vikramaditya thrilled audience said never seen anything like this before | Samrat Vikramaditya Mahanatya: लाल किले ने सुनाई सम्राट विक्रमादित्य की कहानी, रोमांचित दर्शक बोले-ऐसा पहले कभी नहीं देखा

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Highlightsनई दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य का महामंचनदेश के संघर्ष-आजादी के साक्षी लाल किले में हुआ कार्यक्रमहजारों लोग पहुंचे नाट्य देखने, रोम-रोम हुआ रोमांचित  

Samrat Vikramaditya Mahanatya: भारत के संघर्ष और आजादी के साक्षी रहे नई दिल्ली के लाल किले की रंगत 12 अप्रैल की शाम बदली-बदली सी रही। इस लाल किले ने आज सम्राट विक्रमादित्य की कहानी जन-जन तक पहुंचाई। लोग इस पराक्रमी राजा की गाथा को सुनकर रोमांचित हो गए। मौका था लाल किले के माधवदास पार्क में आयोजित सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन का। इस महामंचन में 250 कलाकारों ने इस विक्रम संवत युग के प्रवर्तक राजा के जीवन संघर्ष को जीवंत किया। इस महामंचन को देखने हजारों दर्शक कार्यक्रम स्थल पहुंचे। इस दौरान उनका उत्साह देखने लायक था। दर्शकों का कहना था कि ऐसा ऐतिहासिक मंचन उन्होंने कभी नहीं देखा। 

देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन का शुभारंभ किया। वे कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नई दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय पर्यटन-संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत विशेष रूप से शामिल हुए। लाल किले के माधवदास पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। 

लौट रहा सम्राट विक्रमादित्य वाला युग- उप-राष्ट्रपति धनखड़

इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। आपने दिल्ली के दिल को छूआ है। वह दिन दूर नहीं जब दिल्लीवालों को रिवर फ्रंट यमुना पर भी इस तरह का कार्यक्रम देखने को मिलेगा। जीवन का समर्पण राष्ट्र के निर्माण के लिए है। आज हम सभी का मन प्रफुल्लित है।

लंबे अंतराल के बाद भारत ने एक नए युग में प्रवेश किया है। भारत लगातार विकास कर रहा है। इसकी संपन्नता बढ़ रही है। दुनिया की नजर आज भारत पर है। हमारा जुड़ाव सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रति भी होना चाहिए। दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है जिसकी सांस्कृतिक विरासत 5000 साल पुरानी हो। ऐसी परिस्थिति में आज का कार्यक्रम हमारे युग का नया आयाम है।

महान सम्राट विक्रमादित्य न्याय के प्रतीक थे। उनकी शासन व्यवस्था उत्कृष्ट थी। आज सम्राट विक्रमादित्य वाला युग लौट रहा है। भारत का विकास जमीन से लेकर समुद्र की सतह और अंतरिक्ष तक हो रहा है। यह विकास इस बात का संकेत है कि भारत की जो स्थिति 1300 साल पहले थी वो फिर जीवित हो रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। मैं ये इसलिए कर रहा हूं कि वह खुद राष्ट्र प्रेमी हैं। उन्होंने राजा विक्रमादित्य के पिताजी की भूमिका भी निभाई है।

सम्राट विक्रमादित्य ने मानवता को धन्य किया- सीएम डॉ. मोहन यादव

इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य के शासन का इतिहास 2000 साल पुराना है। इस शासन को लेकर इकबाल ने कहा है, "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गए जहाँ से..।" सीएम डॉ. यादव ने कहा कि विदेशी आक्रांताओं ने भारत की मान मर्यादा को बिगाड़ा।

उन्होंने लालच की वजह से हमारी संस्कृति को चुनौती दी। यहां के वीर महापुरुषों ने हर परिस्थिति में भारत की आन बान शान को बचाया है। इस वजह से हमारी इस संस्कृति का कभी अंत नहीं हो सका। सनातन संस्कृति गंगा की अविरल धारा की तरह उज्जवल धवल नीर की तरह बहती रहेगी। हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि सम्राट विक्रमादित्य ने तलवार के बलबूते पर न केवल पूरे देश को सुशासन में बदला, बल्कि देश से आगे जाकर शासन की व्यवस्थाओं को मजबूत किया और समूची मानवता को धन्य किया।

हमारे यहां संवत प्रवर्तन में भी विक्रम संवत् प्रारंभ करने की जो परंपरा है उसको भी सम्राट विक्रमादित्य ने गौरवान्वित किया। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य के शासन को याद करते हैं तो वह भगवान श्री राम के रामराज्य की याद आती है। धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, जिन्होंने उस दौर के शासनकाल को याद करते हुए सम्राट विक्रमादित्य को शासन के प्रति अपनी शुभकामनाएं दी हैं।

दिल्ली और मेरे लिए परम सौभाग्य की बात- सीएम रेखा गुप्ता

इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली की जनता को विक्रमादित्य के चरित्र और शौर्य को देखने और समझने का अवसर दिया है। मेरा और दिल्ली का परम सौभाग्य है कि आज ये दिन दिल्ली को देखने को मिला। सौभाग्य की बात है कि शौर्य और पराक्रम के प्रतीक सम्राट विक्रमादित्य पर महानाट्य मंचन यहां हो रहा है। दिल्लीवासी आज इतिहास से रुबरू हो रहे हैं। वे सम्राट विक्रमादित्य के चरित्र को अपनी आंखों से देख रहे हैं इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बहुत-बहुत धन्यवाद।

दो दिन और होगा महानाट्य का महामंचन

गौरतलब है कि सम्राट विक्रमादित्य महानाट्य महामंचन 12 अप्रैल के साथ-साथ 13-14 अप्रैल को भी होगा। इसमें 250 कलाकार सम्राट विक्रमादित्य की जीवन गाथा को जीवंत कर रहे हैं। इस महानाट्य के दृश्यों को सजीव बनाने के लिए पालकी, रथ, घोड़ों और एलईडी ग्राफिक्स के स्पेशल इफेक्ट का प्रयोग किया जा रहा है। कार्यक्रम में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा ‘विक्रमादित्यकालीन मुद्रा और मुद्रांक’ की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केंद्रित ‘आर्ष भारत’ प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है। इसमें 100 से अधिक ऋषियों के जीवन और योगदान को प्रदर्शित किया जा रहा है। जनसंपर्क विभाग द्वारा ‘मध्यप्रदेश का विकास एवं उपलब्धियां’ विषय पर और पर्यटन एवं उद्योग विभाग द्वारा भी प्रदर्शनियां लगाई गई हैं।

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