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समीर वानखेड़े और अन्य अधिकारियों का बेदाग सेवा रिकार्ड है: एनसीबी

By भाषा | Updated: October 25, 2021 21:20 IST

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मुंबई, 25 अक्टूबर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े और अन्य द्वारा क्रूज मादक पदार्थ मामले में जबरन वसूली के प्रयास के आरोपों के बीच एनसीबी ने सोमवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में कहा कि वानखेड़े और अन्य अधिकारियों का सेवा रिकॉर्ड बेदाग रहा है। क्रूज मादक पदार्थ मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया है।

इससे पहले दिन में, संघीय मादक पदार्थ-रोधी एजेंसी और वानखेड़े ने अपने खिलाफ लगाये गए जबरन वसूली के प्रयास के आरोपों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए निर्दिष्टि विशेष अदालत के समक्ष हलफनामे दाखिल किये।

हलफनामों में मादक पदार्थ रोधी एजेंसी और वानखेड़े ने अदालत से यह कहते हुए एक आदेश पारित करने का अनुरोध किया कि कोई भी अदालत स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल द्वारा तैयार किए गए हलफनामे का संज्ञान नहीं ले।

एनसीबी और उसके क्षेत्रीय निदेशक के अनुसार, सैल द्वारा लगाए गए आरोप केवल मामले की जांच में बाधा डालने और जांच को बाधित करने का प्रयास है।

एजेंसी ने कहा, ‘‘यह दृढ़ता से कहा जाता है कि एक संगठन के तौर पर एनसीबी और या उसके अधिकारियों, क्षेत्रीय निदेशक, जिनका त्रुटिहीन सेवा रिकॉर्ड है, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण है तथा उनका कोई निहित स्वार्थ नहीं है जैसा कि कथित हलफनामे (गवाह के) में झूठा आरोप लगाया गया है।’’

उसने कहा, ‘‘क्षेत्रीय निदेशक के नेतृत्व में एनसीबी और उसकी टीम मुंबई शहर में नशीले पदार्थ के खतरे को खत्म करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ अथक प्रयास कर रही थी और शहर को मादक पदार्थ मुक्त बनाने के लिए इस कड़े अधिनियम (एनडीपीएस अधिनियम) के उद्देश्य के अनुपालन में कार्य कर रहे थे।’’

एजेंसी ने आगे कहा कि ऐसे स्तर पर, गवाह का दावा चल रही जांच में बाधा डालने का एक प्रयास था और इसलिए गवाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

उसने कहा गया है कि एजेंसी द्वारा न्याय के हित में और एक स्वतंत्र एवं प्रतिष्ठित एजेंसी को ऐसे तत्वों द्वारा बदनाम और कलंकित होने से बचाने के लिए हलफनामा या अर्जी दायर की गई है जो अपने निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं।

विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल ने अर्जियों का निस्तारण कर दिया और कोई भी व्यापक आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।

रविवार को, मामले के एक स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने मीडिया को दिए एक बयान में दावा किया था कि एनसीबी के एक अधिकारी और फरार गवाह के पी गोसावी सहित अन्य व्यक्तियों द्वारा आर्यन खान को मादक पदार्थ मामले में छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी।

‘स्वतंत्र गवाह’ प्रभाकर सैल ने दावा किया था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और ‘‘मामला 18 करोड़ रूपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था क्योंकि उन्हें आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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