सादिक मुठभेड़: चार पुलिसकर्मियों को आरोप मुक्त करने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती

By भाषा | Updated: July 7, 2021 16:00 IST2021-07-07T16:00:14+5:302021-07-07T16:00:14+5:30

Sadiq encounter: High court challenged the decision to discharge four policemen | सादिक मुठभेड़: चार पुलिसकर्मियों को आरोप मुक्त करने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती

सादिक मुठभेड़: चार पुलिसकर्मियों को आरोप मुक्त करने के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती

अहमदाबाद, सात जुलाई अहमदाबाद में 2003 में कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में मारे गए सादिक जमाल के भाई ने इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को आरोप मुक्त करने के फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अपने दो आदेशों में 2003 के मामले में सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक तरूण बरोट, पुलिसकर्मी छत्रसिंह चुडासमा, आर एल मवानी और ए एस यादव को इस आधार पर आरोपमुक्त कर दिया कि इनके खिलाफ मुकदमा चलाने के पर्याप्त आधार मौजूद नहीं हैं।

याचिकाकर्ता के वकील ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि सादिक जमाल के भाई शब्बीर जमाल ने चार पुलिसकर्मियों को आरोपमुक्त किए जाने के सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

पुलिस ने दावा किया था कि गुजरात के भावनगर का रहने वाला सादिक जमाल लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था और वह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य नेताओं की हत्या करने के षड्यंत्र में शामिल था। अहमदाबाद के बाहरी इलाके नरोदा में 13 जनवरी, 2003 को हुयी मुठभेड़ में वह मारा गया था।

सीबीआई की अदालत ने पहले मवानी और यादव को आरोप मुक्त करने का अनुरोध स्वीकार किया और उसने बाद में बरोट और चुडासमा को भी आरोप मुक्त कर दिया।

उच्च न्यायालय ने 16 जून, 2011 में शहर की अपराध शाखा को सादिक जमाल की हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था और फिर मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के पास स्थानांतरित कर दिया था।

सीबीआई ने दिसंबर, 2012 में दाखिल आरोप पत्र में कहा था कि मुठभेड़ नियोजित था और पहले से ही रचित षड्यंत्र का हिस्सा थी। पुलिसकर्मियों ने दो जनवरी, 2003 को मुंबई के अपने समकक्षों से सादिक को अपने हिरासत में लिया और शाहीबाग में उसे 13 जनवरी तक एक बंगले में बंद कर रखा और फिर उसकी हत्या कर दी।

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में बरोट, चुडासमा, मवानी और यादव समेत पुलिस कर्मी के एम वघेला, जी एच गोहिल, अजयपाल सिंह और जी जे परमार (मुक़दमा लंबित होने के दौरान ही मौत) को आरोपी बनाया था।

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Web Title: Sadiq encounter: High court challenged the decision to discharge four policemen

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