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पंजाब में शिअद-बसपा गठबंधन नयी राजनीतिक व सामाजिक पहल : मायावती

By भाषा | Updated: June 12, 2021 16:09 IST

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लखनऊ, 12 जून पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन को बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक नयी राजनीतिक व सामाजिक पहल बताते हुये कहा है कि निश्चय ही राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की यह शुरुआत करेगा ।

शनिवार को मायावती ने एक ट्वीट में कहा, “पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन, एक नयी राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहां राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरुआत करेगा।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “पंजाब में समाज का हर तबका कांग्रेस पार्टी के शासन में यहां व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गठबन्धन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी है।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा, “पंजाब की समस्त जनता से पुरज़ोर अपील है कि वे...यहां 2022 के प्रारम्भ में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस गठबन्धन की सरकार बनवाने में पूरे जी-जान से अभी से जुट जाएं।”

गौरतलब है कि पंजाब में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने शनिवार को गठबंधन किया।

संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन की घोषणा करते हुए शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने इसे ‘‘पंजाब की राजनीति में नया सवेरा बताया।’’

बसपा महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा की उपस्थिति में उन्होंने कहा, ‘‘आज ऐतिहासिक दिन है... पंजाब की राजनीति की बड़ी घटना है।’’

उन्होंने कहा कि शिअद और बसपा साथ मिलकर 2022 विधानसभा चुनाव और अन्य चुनाव लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि मायावती नीत बसपा पंजाब के 117 विधानसभा सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ेगी, बाकी सीटें शिअद के हिस्से में आएंगी।

बसपा के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, फगवाड़ा, होशियारपुर सदर, दासुया, रूपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आयी हैं।

इससे पहले शिअद का भाजपा के साथ गठबंधन था, लेकिन पिछले साल केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर बादल नीत पार्टी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ दिया था।

शिअद के साथ गठबंधन में भाजपा 23 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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