नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प पर भारत ने चीन को कड़ा जवाब दिया है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की और इस दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने के लिहाज से मतभेदों को सुलझाने के लिए संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ वो चीन की प्लानिंग थी। चीन ने जमीनी हालात को बदलने की साजिश की। उसकी मंशा तथ्यों को बदलने की है। एस जयशंकर ने ये बातें बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से फोन पर हुई बातचीत में कही।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद दोनों मंत्रियों की टेलीफोन पर बातचीत हुई है। इसे पिछले पांच दशक में दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी सैन्य झड़प बताया जा रहा है।
चीन ने कहा- दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों का पालन करना चाहिए
चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों का पालन करना चाहिए तथा मौजूदा माध्यमों से सीमा के हालात को उचित तरीके से संभालने के लिए संचार और समन्वय को मजबूत करना चाहिए ताकि सीमावर्ती क्षेत्र में संयुक्त रूप से अमन-चैन बनाकर रखा जा सके। बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने गलवान घाटी में झड़प के कारण बनी गंभीर स्थिति से सही तरीके से निपटने पर, दोनों पक्षों के बीच सैन्य स्तर की बैठकों में आम-सहमति के संयुक्त अनुपालन पर, यथासंभव जल्द से जल्द जमीनी हालात शांत करने पर और दोनों देशों के बीच अब तक हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने पर सहमति जताई।
भारत ने मंगलवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकपक्षीय तरीके से बदलने की चीनी पक्ष की कोशिश का नतीजा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों के जवान हताहत हुए हैं और यदि उच्च स्तर पर पहले हो चुके समझौते का चीनी पक्ष ईमानदारी से पालन करता तो इस स्थिति से बचा जा सकता था।