‘भूमि घोटाले’ पर चर्चा को लेकर असम विधानसभा में हंगामा

By भाषा | Updated: December 20, 2021 19:38 IST2021-12-20T19:38:09+5:302021-12-20T19:38:09+5:30

Ruckus in Assam Assembly over discussion on 'land scam' | ‘भूमि घोटाले’ पर चर्चा को लेकर असम विधानसभा में हंगामा

‘भूमि घोटाले’ पर चर्चा को लेकर असम विधानसभा में हंगामा

गुवाहाटी, 20 दिसंबर असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार को हंगामेदार रही। विधानसभा अध्यक्ष ने एक कंपनी द्वारा की गई कथित भूमि घोटाले पर चर्चा कराने के लिए दिए गए कांग्रेस के कार्यस्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इस कंपनी की सह संस्थापक मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी हैं।

सदन में हंगामे की वजह से विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने सत्र की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की। बाद में कांग्रेस, एआईयूडीएफ और माकपा और निर्दलीय विधायक समेत समूचे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।

विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया और कांग्रेस के अन्य विधायकों ने आरबीएस रिटेलर प्राइवेट लिमिटिड द्वारा 29 बीघा और नौ लेचा (करीब 18 एकड़) जमीन हासिल करने में कानून के कथित उल्लंघन पर चर्चा करने के लिए कार्यस्थगन नोटिस दिया।

दैमारी ने शुरू में कहा कि उन्हें एक निजी कंपनी द्वारा भूमि नीतियों के उल्लंघन पर स्थगन प्रस्ताव मिला था और प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है। उन्होंने यह नहीं बताया कि नोटिस किस बारे में था।

इस पर निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने कहा, ‘‘क्या हम मुख्यमंत्री के परिवार के जमीन घोटाले की बात नहीं कर सकते?’’

इसपर भाजपा के सभी सदस्य खड़े हो गए और उन पर चिल्लाने लगे। अध्यक्ष ने कहा कि किसी का नाम लेने की जरूरत नहीं है।

प्रस्ताव को खारिज करने के अपने रुख को सही ठहराते हुए दैमारी ने कहा, "मुझे इस विषय पर कोई डेटा नहीं मिला है। केवल कुछ अखबारों की कतरने हैं।"

गोगोई ने नोटिस के विषय को पढ़ने पर जोर दिया, तो उन्होंने कहा कि सदन में इसे पढ़ने की कोई जरूरत नहीं है। इसके बाद सैकिया ने कहा कि अगर विपक्षी दल को नोटिस की स्वीकार्यता पर भी बात करने की अनुमति नहीं दी जाती है तो यह गलत होगा। इसके बाद इसे खारिज करने का फैसला सुनाया जा सकता है।

गोगोई ने फिर से मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा कथित भूमि घोटाले का जिक्र करते हुए इस मुद्दे को उठाया। इस पर भाजपा सदस्यों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी जिस वजह सदन की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद अध्यक्ष ने सैकिया को सरकारी जमीन हड़पने से संबंधित नोटिस की स्वीकार्यता पर बात करने की अनुमति दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने पूरा नोटिस पढ़ा और कहा कि मामला हाल के घटनाक्रम से संबंधित है, इसपर पहले चर्चा नहीं की गई है और जनहित से संबंधित है तथा अदालत में विचाराधीन नहीं है, राज्य सरकार से और भ्रष्टाचार से संबंधित है।

सैकिया ने यह भी कहा कि पूरे मामले में "मंत्री की भूमिका भी सवालों के घेरे में है" और एक मौजूदा न्यायाधीश से मामले की जांच शुरू कराने के लिए विधानसभा के प्रस्ताव की मांग की। उन्होंने भूमि को असल लाभार्थियों को लौटाने की भी मांग की।

संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि कथित अनियमितताएं 2006 और 2009 के बीच हुईं है, जो हाल की अवधि की नहीं है, लिहाज़ा इसे खारिज कर दिया जाना चाहिए।

सैकिया ने कहा कि इसका पर्दाफाश मीडिया ने हाल में किया है इसलिए इस पर चर्चा की जानी चाहिए।

दैमात्री ने कहा, “इस पर चर्चा करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसके लिए अन्य कार्यों को स्थगित नहीं किया जा सकता है। आप इसे अन्य माध्यम से ला सकते हैं। मुझे पूरी कार्यवाही को स्थगित करके इस पर चर्चा कराने की स्थिति नहीं दिखती।”

इसपर कांग्रेस एआईयूडीएफ और माकपा और निर्दलीय विधायक समेत समूचे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया। मुख्यमंत्री सदन में नहीं थे।

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Web Title: Ruckus in Assam Assembly over discussion on 'land scam'

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