लाइव न्यूज़ :

कर्नाटक में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल जारी, मुख्यमंत्री ने काम पर वापस लौटने की अपील की

By भाषा | Updated: April 9, 2021 16:40 IST

Open in App

बेंगलुरु, नौ अप्रैल कर्नाटक में वेतन संबंधी मुद्दों को लेकर सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) के चालकों और परिचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहने से राज्य के अधिकतर हिस्सों में बस सेवाएं प्रभावित हुईं।

इस बीच, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील की और साथ ही यह स्पष्ट कर दिया कि छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की उनकी मांग को पूरा किया जाना संभव नहीं है।

बातचाीत की किसी भी संभावना को भी खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से किसी के बहकावे में आकर हठ नहीं करने की अपील की और सरकार की आर्थिक परेशानियों को समझने का आग्रह किया।

येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मैं सभी परिवहन कर्मियों से हाथ जोड़कर आग्रह करता हूं कि किसी के बहकावे में आकर हठ नहीं करें। पिछले साल, जब निगम के पास आपका वेतन देने के लिए पैसे नहीं थे, तब कोविड-19 से जुड़ी परेशानियों के बावजदू हमने सरकारी कोष के 2300 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर अपका वेतन दिया था।’’

वहीं, राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार की शाम को एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया था कि सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की मांगों को लेकर राजी नहीं होगी। वहीं, सख्त कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद आरटीसी के कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया।

सभी चार परिवहन निगम के अधिकतर कर्मचारियों के काम पर नहीं आने के कारण, बेंगलुरु सहित पूरे राज्य में ज्यादातर सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दूर-दराज के क्षेत्रों में और कार्यालय जाने वाले लोग इस हड़ताल से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

हड़ताल के कारण लोगों को हो रही असुविधा को दूर करने के मकसद से सरकार ने निजी परिवहन संचालकों की सेवाएं लेकर तथा कुछ विशेष ट्रेनें चलाने का प्रबंध किया।

निजी बसें, मिनी बसें, मैक्सी कैब और अन्य परिवहन वाहन भी राज्य के कई हिस्सों में चलते नजर आए। मेट्रो ने भी अपनी सेवाएं बढ़ाकर सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक कर दी है।

कई निजी संचालकों ने बताया कि अधिकतर यात्रियों को अब भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सूत्रों ने बताया कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एसमा) लगाने की धमकी के बाद आरटीसी के कुछ कर्मचारी काम पर लौट आए और कुछ स्थानों पर बसें सड़कों पर चलीं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 85 प्रतिशत सरकारी राजस्व, सरकारी कर्मचारियों के वेतन, विभिन्न प्रकार की पेंशन का भुगतान करने और अन्य गैर-योजना व्यय पर खर्च किया जाता है और विकास कार्यों के लिए केवल 15 प्रतिशत ही बचता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसी स्थिति में परिवहन कर्मियों को हठ नहीं करना चाहिए, हमने नौ में से आठ मांगे मान ली हैं। अगर उन आठ मांगों से जुड़़ी कोई समस्या है तो मैं उसका समाधान करने और आपको उसका लाभ दिलवाने के लिए काम करने को तैयार हूं।’’

मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से काम पर वापस लौटने की अपील भी की।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवहन विभाग जनता की सेवा के लिए काम करता है। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से कहा कि इस बात पर विचार करें कि क्या ऐसे में हठ करना सही है जब लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार की आर्थिक स्थिति को समझे और जनहित के लिए बस सेवाएं बहाल करने में सहयोग करें।’’

मुख्यमंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि उनकी छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की मांग को पूरा किया जाना संभव नहीं है।

परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव अंजुम परवेज ने बृहस्पतिवार को बताया था कि अस्थायी व्यवस्था के तौर पर पिछले दो वर्षों में सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों से सेवा पर वापस आने का अनुरोध किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ उनका शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है और उनकी आंखों की जांच भी की जाएगी।’’

उन्होंने कर्मचारियों से भी काम पर वापस आने का अनुरोध किया, क्योंकि सरकार ने उनकी नौ मांगों में से आठ मांगें मान ली हैं और अंतरिम राहत के तौर पर आठ प्रतिशत वेतन वृद्धि का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि हड़ताल की वजह से हर दिन करीब 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

गौरतलब है कि बीएमटीसी, कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी), उत्तरी पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनडब्ल्यूकेआरटीसी) और उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनईकेआरटीसी) के कर्मियों ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी लीग के बैनर तले सात अप्रैल से हड़ताल का आह्वान किया था।

हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को बातचीत के लिए बुलाने के सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘ मैं किससे बात करूं। मीडिया के जरिए मैं उनसे अनुरोध कर रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बात करने के लिए कुछ नहीं बचा है। नौ में से आठ मांगे पूरी करने के बाद बात करने को क्या बचा है। मैं हठ नहीं कर रहा। आठ मांगे पूरी होने के बाद कर्मचारियों को काम पर लौटना चाहिए और बस सेवाएं बहाल करनी चाहिए। उन्होंने किसी और की बातों में नहीं आना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतSIR Registered: एसआईआर पर राजनीतिक विवाद थमने के नहीं दिख रहे आसार

विश्वसौर तूफान: अंतरिक्ष से खतरे की आहट, इथियोपिया से उठे ज्वालामुखी गुबार से हवाई जहाजों...

भारतसिकुड़ता नागपुर विधानसभा सत्र और भंग होतीं अपेक्षाएं!

भारतPutin India Visit: ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे...!

भारतAirport Suitcases Rules: प्लेन में सूटकेस ले जाने का बदला नियम, यात्रा से पहले जरूर जान लें इसे

भारत अधिक खबरें

भारतPM Awas Yojana: अब अपने घर का सपना होगा पूरा, सरकार से पाए 1.30 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता; ऐसे करें आवेदन

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू