RSS प्रमुख भागवत ने कहा- संघ से नहीं चलती मोदी सरकार, नहीं जाता कभी नागपुर से फोन कॉल
By भाषा | Updated: September 19, 2018 03:37 IST2018-09-19T03:37:30+5:302018-09-19T03:37:30+5:30
संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन मोहन भागवत ने कहा कि यह धारणा "बिल्कुल गलत" है कि संघ मुख्यालय नागपुर से कॉल किया जाता है और (उसके तथा सरकारी पदाधिकारियों के बीच) बातचीत होती है।

RSS प्रमुख भागवत ने कहा- संघ से नहीं चलती मोदी सरकार, नहीं जाता कभी नागपुर से फोन कॉल
नई दिल्ली, 19 सितंबर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि उनका संगठन भाजपा की राजनीति या उसकी सरकार की नीतियों को निर्देशित नहीं करता। उन्होंने यह भी कहा कि संगठन जिस बात को देश के हित में समझता है, उस पर जोर देता है।
संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन भागवत ने कहा कि यह धारणा "बिल्कुल गलत" है कि संघ मुख्यालय नागपुर से कॉल किया जाता है और (उसके तथा सरकारी पदाधिकारियों के बीच) बातचीत होती है। यह धारणा इसलिए भी है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसों का नाता संघ से रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस कभी अपने स्वयंसेवकों को किसी राजनीतिक दल के लिए काम करने को नहीं कहता है। उन्होंने कहा कि संघ सलाह नहीं देता है, बल्कि मांग जाने पर सुझाव पेश करता है। उन्होंने भाजपा या उसके किसी भी नेता का नाम नहीं लिया।
संघ राजनीतिक दल का समर्थन का समर्थन करने को नहीं कहता
आरएसएस प्रमुख ने राजनीति पर संघ के रूख के बारे में विस्तार से चर्चा की और दावा किया कि संघ अपने स्वयंसेवकों को किसी विशेष राजनीतिक दल का समर्थन करने के लिए नहीं कहता है, बल्कि उन्हें सलाह देता है कि वे देश के हित में काम करने वालों का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि हम देश के हितों के बारे में बात करते हैं और यदि हमारे पास ताकत है तो हम जो सही मानते हैं, उस पर हम जोर देते हैं। यहां छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। हम इसे खुले तौर पर करते हैं।
भागवत ने अवैध घुसपैठ के मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि उनका संगठन राजनीति से दूर रह सकता है लेकिन इस तरह के मुद्दे के बारे में बातें करेगा क्योंकि यह देश को प्रभावित करता है। आरएसएस से वैचारिक रूप से संबद्ध भाजपा का नाम लिए बिना भागवत ने कहा कि उनके संगठन से अक्सर उसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के बारे में पूछा जाता है, क्यों उसके कई लोग एक पार्टी में हैं और राजनीति के साथ उसका क्या संबंध है।
राहुल गांधी के सवालों का दिया जवाब
भागवत ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘ यह पूछा जाता है कि उनके इतने सारे लोग एक ही पार्टी में क्यों हैं। यह हमारी चिंता नहीं है। वे अन्य पार्टियों के साथ क्यों नहीं जुड़ना चाहते, यह उन्हें विचार करना है। हम कभी भी किसी स्वयंसेवक को किसी खास राजनीतिक दल के लिए काम करने को नहीं कहते।’’
विपक्ष अक्सर आरोप लगाता है कि आरएसएस भाजपा के माध्यम से राजनीति में दखल देता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि हिंदुत्व संगठन मोदी सरकार की मदद से संस्थानों पर कब्जा करना चाहता है। 68 वर्षीय भागवत ने सीधे भाजपा का जिक्र नहीं किया और कहा कि कई नेता उनसे बड़े और वरिष्ठ हैं तथा आरएसएस में उनके अनुभव के मुकाबले राजनीति में अधिक अनुभवी हैं।
भाजपा स्वायत्तता से करे काम
उन्होंने कहा, "अगर उन्हें सलाह चाहिए और मांगते हैं, तो हम उन्हें देते हैं," उन्होंने कहा कि आरएसएस चाहता है कि भाजपा स्वायत्तता से काम करे। उन्होंने कहा कि सत्ता का केंद्र संविधान द्वारा तय किया गया है और अगर यह बाहर से निर्धारित होता है तो उनका संगठन इसे गलत मानता है । भागवत ने कहा कि संघ का स्वयंवर राष्ट्रीय हितों से हो चुका है और यह किसी के साथ शत्रुता तथा किसी अन्य के साथ विशेष दोस्ती में भरोसा नहीं करता है।