रोहिणी अदालत गोलीबारी: दिल्ली पुलिस ने अदालतों की सुरक्षा पर सौंपे सुझाव

By भाषा | Updated: October 5, 2021 16:40 IST2021-10-05T16:40:17+5:302021-10-05T16:40:17+5:30

Rohini court firing: Delhi Police submits suggestions on the security of courts | रोहिणी अदालत गोलीबारी: दिल्ली पुलिस ने अदालतों की सुरक्षा पर सौंपे सुझाव

रोहिणी अदालत गोलीबारी: दिल्ली पुलिस ने अदालतों की सुरक्षा पर सौंपे सुझाव

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को उच्च न्यायालय को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात जिला अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के लिए पक्षकारों की प्रत्यक्ष उपस्थिति कम करते हुए तकनीक के इस्तेमाल में वृद्धि की जानी चाहिए। हाल में रोहिणी की एक अदालत में गोलीबारी से तीन लोगों के मारे जाने की घटना के बाद पुलिस ने अदालतों में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में सौंपी अपनी स्थिति रिपोर्ट में यह सुझाव दिए।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और विभिन्न बार एसोसिएशन समेत अन्य हितधारकों को भी अपने सुझाव देने का निर्देश दिया है ताकि उन्हें आदेश में शामिल किया जा सके। पीठ ने कहा, “अन्य सभी प्रतिवादियों को सुझावों पर एक रिपोर्ट या हलफनामा दायर करना होगा जिसे दिल्ली की अदालतों में पेश होने वाले वकीलों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए दिए जाने वाले आदेश में शामिल किया जाएगा।”

इसके साथ ही अदालत ने इस मामले को 12 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

केंद्र और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में सुझाव सौंपे हैं। अदालत ने विभिन्न बार एसोसिएशन को भी ताजा नोटिस भेजे और उन्हें रिपोर्ट या हलफनामे पर अपने सुझाव देने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार की ओर से स्थायी वकील अजय दिगपॉल अदालत में पेश हुए।

उच्च न्यायालय ने, 24 सितंबर को रोहिणी की अदालत में हुई गोलीबारी के बाद राष्ट्रीय राजधानी में अदालतों की सुरक्षा से संबंधित एक याचिका पर 30 सितंबर को स्वत: ही कार्यवाही शुरू की थी। अदालत ने कहा था कि अदालतों में पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की आवश्यकता है।

दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी के जरिये सौंपी गई एक स्थिति रिपोर्ट में कई सुझाव दिए जिसमें तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने पर बल दिया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि पक्षकारों की भौतिक उपस्थिति उसी दशा में होनी चाहिए जब इसकी बहुत आवश्यकता हो।

पुलिस ने कहा कि अदालत परिसरों के भीतर प्रवेश करने वाले वकीलों के पहचान पत्र की जांच की जानी चाहिए और जांच के बाद ही वाहनों को भीतर लाने की अनुमति होनी चाहिए।

पुलिस ने सुझाव दिया कि अदालतों में लगे सुरक्षा उपकरण पुराने हो चुके हैं, इनके स्थान पर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे और मॉनिटर लगाने की जरूरत है।

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Web Title: Rohini court firing: Delhi Police submits suggestions on the security of courts

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