कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गुरुवार (7 फरवरी) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने के लिए पहुंचे हैं। वाड्रा को सुबह 10.30 बजे ईडी के दफ्तर पहुंचना था, लेकिन वह 11.25 बजे ईडी दफ्तर पहुंचे हैं. इससे पहले बुधवार को ईडी के समक्ष पेश हुए।
वाड्रा से ईडी के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ किया। इस दौरान रॉबर्ट वाड्रा से 40 से भी ज्यादा सवाल पूछे गए। हालांकि वाड्रा ने लंदन में किसी भी तरह की संपत्ति होने से इनकार किया।
यह पहला मौका है जब वाड्रा संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आपराधिक आरोपों के सिलसिले में किसी जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं। उन्होंने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि राजनीतिक बदले के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
वाड्रा को दिल्ली की पटियाला कोर्ट से 16 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत मिली हुई है। पिछली सुनवाई के दौरान उनके वकील ने कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वे 6 फरवरी को ईडी के सामने पेश होंगे।
वाड्रा करीब तीन बजकर 47 मिनट पर ईडी के दफ्तर में दाखिल हुए। उनके वकीलों का दल पहले ही वहां पहुंच चुका था। वाड्रा ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
लंदन में संपत्ति की खरीद से जुड़ा है मामला ईडी ने लंदन में 19 लाख पाउंड की एक संपत्ति की खरीद को लेकर वाड्रा के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है। इससे पहले मामले में वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के कर्मचारी मनोज अरोड़ा को कोर्ट ने 6 फरवरी तक अंतरिम जमानत दी थी।
ईडी का आरोप: वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए हुआ सौदा ईडी के मुताबिक, आयकर विभाग फरार हथियार कारोबारी संजय भंडारी के खिलाफ कालाधन कानून और कर कानून के तहत दर्ज मामलों की जांच कर रहा था।
इस दौरान आयकर विभाग को किसी मामले में अरोड़ा की भूमिका पर भी संदेह हुआ। ईडी का आरोप है कि लंदन में भंडारी ने 19 लाख पाउंड में संपत्ति खरीदी थी। उसकी मरम्मत पर 65900 पाउंड खर्च करने के बाद 2010 में उतनी ही रकम में वाड्रा को बेच दी। इससे साफ हो गया कि भंडारी ने वाड्रा को फायदा पहुंचाने के लिए यह सौदा किया था।