Road Signs In Delhi: हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू भाषा में साइनबोर्ड?, दिल्ली सरकार ने जारी किया ऑर्डर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 19, 2024 15:04 IST2024-12-19T15:02:55+5:302024-12-19T15:04:30+5:30

Road Signs In Delhi: दिल्ली, बिहार और हरियाणा आदि को स्थानीय स्तर पर अन्य भाषाओं के क्रम को तय करते हुए सार्वजनिक संकेतकों पर हिंदी को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया था।

Road Signs In Delhi Multilingual Signboards in Hindi, English, Punjabi Urdu languages Delhi government issued order | Road Signs In Delhi: हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू भाषा में साइनबोर्ड?, दिल्ली सरकार ने जारी किया ऑर्डर

सांकेतिक फोटो

Highlightsसाइनबोर्ड और नेमप्लेट पर केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही जानकारी लिखी होती है।वीके सक्सेना के निर्देशों का पालन करते हुए अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू होना चाहिए तथा सभी के लिए शब्दों का आकार समान होना चाहिए।

नई दिल्लीः दिल्ली के सड़क संकेतक, दिशा-निर्देशक बोर्ड और यहां तक ​​कि मेट्रो स्टेशनों पर लगे संकेतकों पर जल्द ही हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू भाषा में जानकारियां लिखी जाएंगी। इस कदम का उद्देश्य भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और दिल्ली की आधिकारिक भाषाओं को प्रदर्शित करना है। दिल्ली सरकार के तहत कार्यरत नौकरशाहों को भी अपने कार्यालयों के बाहर बोर्ड पर अपना नाम इन चार भाषाओं में प्रदर्शित करना होगा। यह कदम ‘दिल्ली आधिकारिक भाषा अधिनियम, 2000’ के अनुरूप है, जो हिंदी को पहली आधिकारिक भाषा और उर्दू तथा पंजाबी को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता देता है। वर्तमान में दिल्ली में अधिकांश साइनबोर्ड और नेमप्लेट पर केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही जानकारी लिखी होती है।

कला, संस्कृति और भाषा विभाग ने चार नवंबर को एक आदेश में सभी विभागों, नागरिक निकायों और स्वायत्त प्राधिकरणों को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के निर्देशों का पालन करते हुए अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बोर्ड और संकेतकों पर भाषा का क्रम हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू होना चाहिए तथा सभी के लिए शब्दों का आकार समान होना चाहिए। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह निर्देश मेट्रो स्टेशनों, अस्पतालों, सार्वजनिक उद्यानों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लागू होगा।

राष्ट्रीय राजधानी में 1,250 किलोमीटर सड़कों की देख-रेख का जिम्मा संभालने वाला लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) संकेतकों को अद्यतन करना प्रारंभ करेगा। उपराज्यपाल का निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के 2011 के आदेश से भी मेल खाता है।

जिसमें ‘ए क्षेत्र’ में आने वाले राज्यों दिल्ली, बिहार और हरियाणा आदि को स्थानीय स्तर पर अन्य भाषाओं के क्रम को तय करते हुए सार्वजनिक संकेतकों पर हिंदी को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया था। दिल्ली उर्दू अकादमी के अध्यक्ष शहपार रसूल ने इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि 'दिल्ली राजभाषा अधिनियम 2000' के आधिकारिक क्रियान्वयन की खबर सुनकर उन्हें खुशी हुई है।

Web Title: Road Signs In Delhi Multilingual Signboards in Hindi, English, Punjabi Urdu languages Delhi government issued order

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