लॉकडाउन के दौरान दुकानें दोबारा खोलने के नियमों में अधिक स्पष्टता की जरूरत : RNI
By भाषा | Updated: April 25, 2020 17:06 IST2020-04-25T17:06:31+5:302020-04-25T17:06:31+5:30
एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने शनिवार को कहा कि गली-मोहल्ले में स्वतंत्र रुप से चालाई जाने वाली परचून की दुकानों को खोलने की अनुमति और स्पष्ट करने की जरूरत है। आरएआई ने कहा कि मौजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए सरकार को सभी तरह के खुदरा दुकानों को खोलने के बारे में सोचना चाहिए।

यह भी कहना है कि माल को भी खोलने की अनुमति होनी चाहिए। (Photo-social media)
नयी दिल्ली: खुदरा कारोबार करने वाली फर्मों के संगठन रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने शनिवार को कहा कि गली-मोहल्ले में स्वतंत्र रुप से चालाई जाने वाली परचून की दुकानों को खोलने की अनुमति और स्पष्ट करने की जरूरत है।
संगठन का कहना है कि इस आदेश की भाषा की अलग अलग व्याख्या किए जाने की संभावना है। उदाहरण के लिए उसन ‘बाजार परिसर’ (मार्केट काम्प्लेक्स) का उल्लेख किया और कहा है इन शब्दों को आसानी से नहीं समझा जा सकता है। आरएआई ने कहा कि मौजूदा हालातों को ध्यान में रखते हुए और लॉकडाउन के दौरान अनिवार्य वस्तुओं की बिक्री करने वाली खुदरा दुकानों को खोलने के अनुभवों का फायदा उठाते हुए सरकार को सभी तरह के खुदरा दुकानों को खोलने के बारे में सोचना चाहिए।
उसका यह भी कहना है कि माल को भी खोलने की अनुमति होनी चाहिए। सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में आवासीय परिसरों में स्थित दुकानों सहित गली मोहल्ले में अलग-अलग स्वतंत्र रूप से चलने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति शुक्रवार रात को दी। हालांकि दुकानदारों को अनिवार्य सावधानी बरतनी होगी, साथ ही 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही काम करना होगा।
गृह सचिव अजय भल्ला ने सरकारी आदेश जारी किया। इसके अनुसार नगर निकायों के दायरे में आने वाले बाजार, बहुब्रांड और एकल ब्रांड मॉल इत्यादि तीन मई तक बंद रहेंगे। आरएआई ने कहा, ‘‘हमारा सुझाव है कि सरकार को जब सुरक्षित महसूस हो, उस दिन सामुदायिक दूरी नियमों के साथ सभी तरह के खुदरा क्षेत्र को खोल दे।
’’ आरएआई ने सरकार से मॉल खोलने की भी अनुमति देने को कहा। आरएआई ने एक बयान में कहा, ‘‘मौजूदा सरकारी आदेश की अलग-अलग व्याख्या की जा सकती है। इसके आसानी से अनुपालन के लिए इसे अधिक स्पष्ट बनाने की जरूरत है। बाजार परिसर जैसे शब्द आसानी से समझ आने वाले नहीं हैं।’