इम्फाल, सात जुलाई राजकुमार रंजन सिंह बुधवार को केंद्रीय राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। वह मणिपुर के शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं और राज्य की विभिन्न जन जातियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए काम किया है।
वह आरके रंजन के नाम से लोकप्रिय हैं। उनका जन्म एक सितंबर 1952 में मणिपुर के पूर्वी इम्फाल जिले के कोंगबा मखा नंदेईबाम लेईकाई गांव में हुआ था। शिक्षाविद से नेता की भूमिका में आए आरके रंजन अब एकजुट करने वाले के रूप में देखे जाते हैं।
वह दिवंगत राजकुमार मणिसाना सिंह के बेटे हैं। उनकी पत्नी का देबाला देवी हैं। इम्फाल के धाना मंजुरी कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से वर्ष 1972 में भूगोल विषय से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। आरके राजकुमार ने बाद में मणिपुर में ‘‘ भू इस्तेमाल की समस्या’’ विषय पर पीएचडी की।
आरके रंजन मणिपुर के पूर्व राजपरिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसका राज्य में अब भी सम्मान है। मणिपुर कॉलेज में शिक्षण कार्य करने के बाद वह मणिपुर विश्वविद्यालय के पृथ्वी विज्ञान विभाग में बतौर सहायक प्राध्यापक नियुक्त हुए। उन्होंने वर्ष 2004 से 2008 के बीच मणिपुर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी निभाई।
आरके राजकुमार वर्ष 2013 में भाजपा में शामिल हुए और उसके अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन पहले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वह आंतरिक मणिपुर संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए।
उन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति सहित कई संसदीय सदस्यों में बतौर सदस्य नियुक्त किया गया है।
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