लालू यादव के खिलाफ ऑडियो टेप केस, रांची के बरियातू थाने में FIR नहीं, थाना प्रभारी बोले-दोबारा प्राथमिकी दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं
By एस पी सिन्हा | Updated: December 10, 2020 21:01 IST2020-12-10T21:00:47+5:302020-12-10T21:01:47+5:30
झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में इलाज के लिए भर्ती लालू यादव पर थाने में केस दर्ज नहीं होगा.भाजपा विधायक ने केस दर्ज कराया था.

कथित ऑडियो होने का दावा किया गया था. (file photo)
रांचीः झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में इलाज के लिए भर्ती चारा घोटाले के सजायाफ्ता राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कथित ऑडियो टेप मामले में बरियातू थाना पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं करेगी.
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 27 नवंबर को भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने रांची के बरियातू थाने में शिकायत की थी. अपनी शिकायत पत्र के साथ भाजपा नेता ने एक पेन ड्राइव भी दिया था. इसमें कथित ऑडियो होने का दावा किया गया था.
शिकायत पत्र स्वीकार करने के दौरान थाना प्रभारी की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि वह इस मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे. भाजपा नेता के द्वारा दिये गये आवेदन में यह भी कहा गया था कि इस बात की विवेचना की जाएगी कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है अथवा नहीं? यह भी कहा गया था कि शिकायत पत्र के साथ दिए गए ऑडियो की सत्यता की जांच की जाएगी.
पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया
ऑडियो की प्रमाणिकता की रिपोर्ट आए बगैर ही शिकायत मिलने के 13 दिनों बाद आखिरकार बरियातू पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की ओर से अपने ट्विटर हैंडल के जरिये इस बात का दावा किया गया था कि रांची में सजा काटने के दौरान लालू प्रसाद यादव ने बिहार में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक ललन पासवान से फोन पर बातचीत की.
इसमें उन्होंने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहने के लिए कहा. इसके बदले विधायक को प्रलोभन दिया गया. इसी मामले को रांची के बरियातू इलाके से जुडा होने के कारण इस मामले में भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता की ओर से थाने में लिखित शिकायत देकर राजद प्रमुख पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी.
असमर्थता व्यक्त करने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया
ऐसे में पुलिस की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में अपनी असमर्थता व्यक्त करने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर किसके इशारे पर इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने में अडचन पैदा की जा रही है. पुलिस के आला अधिकारियों ने इस मामले में फिलहाल चुप्पी साध रखी है.
इस संबंध में बरियातू थाना के इंस्पेक्टर सपन महथा ने कहा कि विधायक को फोन करने के मामले में पटना में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. ऐसे में रांची में दोबारा प्राथमिकी दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है. अगर कोई सनहा दर्ज कराता है तो थाने की यह जिम्मेवारी है कि वह सनहा स्वीकार करे.