रांचीः चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी जमानत के लिए रांची हाईकोर्ट से गुहार लगाई है।
इस याचिका पर कई बार सुनवाई हुई है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है। अब सीबीआई ने कोर्ट को ऐसा जवाब दिया है, जिससे जमानत मंजूर होने पर सवाल खड़ा हो गया है। दरअसल, सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने अपना जवाब देने के लिए कोर्ट से समय की मांग की थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीबीआई ने जो जवाब दिया है, उसमें उसने कहा है कि विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल मतलब कुल 14 साल की सजा सुनाई है। ऐसे में आधी सजा काटने का मतलब सात साल की सजा पूरी करने से है। इस लिहाज से लालू प्रसाद यादव को जमानत नहीं दी जा सकती।
लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का सबसे अहम तथ्य यह है कि उनकी आधी सजा पूरी हो गई है। आधी सजा पूरी होने के बाद अपील में जा चुके मामलों में जमानत दिया जा सकता है। उनके वकील ने लालू के खराब स्वास्थ्य का हवाला भी कोर्ट में दिया है। इधर, सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि उनकी आधी सजा अभी पूरी ही नहीं हुई है।
इस मामले में निचली अदालत ने अपने लिखित आदेश में यह स्पष्ट किया है कि लालू को दोनों सजाएं दी जानीं हैं. इसमें एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा चलाई जानी है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने पिछले शुक्रवार को लालू की जमानत को लेकर तीन दिन में जवाब देने के लिए कहा था, अब कोर्ट में जिस तरह से सीबीआइ ने अपना जवाब दाखिल किया है।
लालू प्रसाद यादव की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका के औचित्य पर सवाल उठाते हुए सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि लालू आखिर किस आधार पर आधी सजा पूरी करने का दावा कर हाई कोर्ट से जमानत मांग रहे हैं। अब कोर्ट में जिस तरह से सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल किया है, ऐसे में लालू प्रसाद यादव की जमानत को लेकर मुश्किलें बढ़ सक्ती हैं।