पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आज कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं से कहा कि अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह जरूरी है. पार्टी के प्रशिक्षण शिविर समापन के मौके पर उन्होंने दिल्ली से फेसबुक लाइव के माध्यम से सभी को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ सत्याग्रह जरूरी है. जेपी ने पटना के गांधी मैदान से आंदोलन किया था. कुछ लोग जेल जाने से डरते हैं. मुकदमा होने से डरते हैं. इस दौरान उन्होंने राजद नेताओं को राजनीति का पाठ पढ़ाकर चुनाव को लेकर होमवर्क भी दिये.
इस दौरान राजद प्रमुख ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर जदयू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कहते थे कि जो बिहार के विशेष राज्य के दर्जे देंगे, वे उन्हीं से हाथ मिलाएंगे. लेकिन अब नीतीश ये सब भूल गये हैं. उनकी ही पार्टी अब आत्मसमर्पण कर दिया है.
उन्होंने कहा कि अब भाजपा के साथ नीतीश कुमार है, तो नीतीश को बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए. लालू यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि संगठन को तेज और धारदार बनाने की जरूरत है. पिछले दिनों मैंने यह आह्वान किया था कि कंधे पर गमछा और सिर पर हरी टोपी लगा लिजिए. राजद की यही पहचान है.
गांव-देहात जहां भी अन्याय हो रहा हो वहां पार्टी के लोगों को गमछा और टोपी के साथ पहुंच जाना चाहिए और पीड़ित की मदद करते हुए उन्हें न्याय दिलाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजद की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने संगठन को तेज और धारदार बनाए और जनता के ज्वलंत मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला करे. जेल भरो आंदोलन करो. जेल भरना मामूली बात नहीं है.
कुछ लोग जेल जाने से भी डरते हैं जब डरेंगे तब आंदोलन और सत्याग्रह कैसे करेंगे? लोग मुकदमा होने से डरते है और इस बात से परेशान रहते है कि कही उन पर 107 ना लग जाए. ऐसी बातों से डरने नहीं चाहिए बल्कि देश की व्याप्त समस्याओं को लेकर लोगों की आवाज बननी चाहिए और सरकार को घेरने का काम करना चाहिए.
लालू ने कहा कि हमने राजद को सेल्फ मेड पार्टी बनाया. अपने पैरों पर खड़ा होकर राजद का गठन किया. आप भी पूरे मजबूती के साथ पार्टी को आगे बढाएं हम सभी साथ हैं. गलत के खिलाफ आवाज उठाओ. दबे-कुचले लोगों के साथ खड़े होकर आंदोलन करो. जब जेल भरने लगता है तो सरकार गिर जाती है, चाहे किसी की सरकार हो.
बिहार के लोगों ने अपने पैरों पर खडे़ होकर पार्टी को मजबूत बनाया है. लोगों के प्यार से पार्टी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंची. राजद ने कितने सांसद बनाए. एमएलए, एमएलसी को बनाया. कितनों को टिकट दिया, इसका हिसाब अंगुली पर नहीं किया जाता. पहले सीटों के उम्मीदवारों का चयन दिल्ली में बैठे आलाकमान करते थे. वहां तक अपनी बात पहुंचाना नेताओं के लिए मुश्किल था.
जब राजद का गठन हुआ तो कद्दावर नेताओं को टिकट मिलने लगा. उन्होंने कहा कि केवल चुनाव के समय ही लोगों को उम्मीदवारी और टिकट की याद आती है. गांव-पंचायत स्तर के लोग बेझिझक पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आकर अपने क्षेत्र के आगामी चुनाव के प्रत्याशी का नाम बताएं. तब समझ आता है कि किसी किस क्षेत्र में पकड़ है.
अपने संबोधन के दौरान लालू यादव ने भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब मंडल कमीशन लागू हुआ तो लालकृष्ण आडवानी समेत भाजपा के अन्य नेताओं ने विरोध किया था. लेकिन, बाद में भाजपा उसी सामाजिक न्याय की नीति को मानने पर मजबूर हुई. मगर सत्ता में आते ही रिजर्वेशन सिस्टम को समाप्त कर दिया. लालू ने जातीय जनगणना पर कहा कि यह कोई साधारण मांग नहीं है.
जातीय जनगणना नहीं होने से समाज के अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति, समाज पीछे छूटते जा रहा है. लालू यादव ने कहा कि राम और रहीम के बंदों के बीच भाजपा नफरत फैलाने का काम करती है. यही सब करके भाजपा सत्ता में आई है. लेकिन इसकी भी एक सीमा होती है. जिसे देश की जनता देख रही है जनता सर्वेसर्वा है सब कुछ जानती है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी पार्टियों को एकजुट होने की जरूरत है. लेकिन एकजुटता के अभाव के कारण इसका फायदा भाजपा उठाती है. लालू ने कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता ने जितनी सीटे दी है जनता ने तो मुख्यमंत्री बना ही दिया था.
डाक से जो पोस्ट आया था वह सभी राजद के पक्ष में था, लेकिन इसकी गिनती नहीं कराई गई और दूसरे प्रत्याशी की जीत को घोषित कर दिया गया. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. आज नहीं तो कल हमारी सरकार बनेगी. बिहार की जनता हमें वहां बैठाएगी.