पटनाः राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में खुद को अलग-थलग पड़ते देख अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे़ लाल विधायक तेजप्रताप यादव ने अलग रास्ता अख्तियार करना शुरू कर दिया है.
तेजप्रताप ने छात्र राजद के समानांतर अपना अलग संगठन बना लिया है. उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद बनाने का ऐलान किया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि यह राजद के लिए बैकबोन का काम करेगी. छात्रों के लिए इस संगठन की सक्रियता बिहार के बाहर अन्य राज्यों में भी रहेगी.
तेजप्रताप ने ट्वीट कर कहा कि जैसे सभी पार्टियों का एक पार्ट होता है, उसी तरह हमने भी राष्ट्रीय जनता दल का एक नया संगठन बनाया है. जो शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय के लिए आवाज उठाएगा. छात्र जनशक्ति परिषद के लिए तेजप्रताप ने नया अध्यक्ष भी चुन लिया है. प्रशांत प्रताप को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह संगठन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय होगा.
वहां की योगी सरकार की खामियों को उजागर करेगा. तेजप्रताप के पैंतरे को छात्र राजद में किए गए जगदानंद सिंह के हस्तक्षेप को माना जा रहा है. उन्होंने आकाश यादव को हटाकर गगन कुमार को छात्र राजद का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. तेजप्रताप ने दावा किया है कि इसके लिए उन्होंने लालू प्रसाद से भी आशीर्वाद ले लिया है.
तेजप्रताप ने कहा कि छात्र जनशक्ति परिषद का विस्तार गांव-गांव तक होगा. पंचायत चुनाव में भी भागीदारी होगी. संगठन के सदस्य चुनाव लड़ सकते हैं. उन्हें सहयोग किया जाएगा. पटना विश्विद्यालय के कई छात्रों को इस संगठन में पदाधिकारी बनाया गया है. यहां बता दें कि तेजप्रताप ने पहले भी राजद से अलग लालू-राबड़ी मोर्चा बनाया था.
आरएसएस की तर्ज पर उन्होंने धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) नाम से भी संगठन बनाया था. उल्लेखनीय है कि हाल ही में छात्र राजद के एक कार्यक्रम के दौरान तेजप्रताप ने अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया था. इस पर जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप के करीबी छात्र आकाश को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गगन को कमान सौंप दी थी.
इसबीच तेजप्रताप के इस ऐलान पर भाजपा ने चुटकी ली है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने कहा कि लालू प्रसाद यादव जी ने सामाजिक न्याय का ढिंढोरा तो खूब पीटा, लेकिन वे अपने परिवार में ही न्याय नहीं कर सके. पारिवारिक सदस्यों के बीच वरिष्ठता के लिहाज से उन्होंने उनकी सम्मानजनक भूमिका तय नहीं की.
अब बडी बेटी मीसा भारती और बडे बेटे तेज प्रताप यादव जबरन धकिया कर परिवार और राजनीति के सिस्टम से बाहर कर दिए गए हैं. वहीं परिवार और राजनीति की पूरी विरासत लालूजी ने छोटे बेटे तेजस्वी यादव जी को सौंप दी है. ऐसे में निश्चित तौर पर परिवार के उपेक्षित सदस्यों की कुंठा अभिव्यक्ति तो होनी ही है.