नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर कई अदालत परिसरों में पर्याप्त जगह नहीं होने या मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उनकी जीर्ण-शीर्ण हालत देखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू अगले महीने राज्य के कानून मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे ताकि देश में न्यायिक ढांचे में सुधार के प्रयास तेज किए जा सकें।
कुछ दिन पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने कहा था कि न्याय तक पहुंच में सुधार के लिए न्यायिक ढांचा महत्वपूर्ण है लेकिन यह दुखद है कि इसमें सुधार और इसकी देखरेख अस्थायी तरीके से और अनियोजित तरीके से की जा रही है, जिसके बाद रिजीजू ने प्रस्तावित बैठक की घोषणा की है।
रिजीजू ने मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक के एजेंडे में न्यायिक ढांचा भी शामिल है... राज्य सरकारों से विचार-विमर्श करना मेरी जिम्मेदारी है।’’
उच्च न्यायालयों एवं निचली अदालतों में ढांचागत सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा था, ‘‘हमें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कई अदालतों में उचित सुविधाएं नहीं हैं। कुछ अदालत जीर्ण-शीर्ण भवनों में चल रहे हैं। न्याय तक पहुंच के लिए न्यायिक ढांचा सुविधाएं महत्वपूर्ण हैं।’’
कानून मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि न्यायिक ढांचा सुविधाओं पर प्रधान न्यायाधीश द्वारा चिंता व्यक्त किये जाने से पहले ही रिजीजू और राज्य के कानून मंत्रियों के बीच प्रस्तावित बैठक की योजना बनाई गई थी।
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