कोच्चि, 27 अक्टूबर केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोच्चि निगम द्वारा यहां ‘सीना थोडू’ नहर के निर्माण के दौरान एक प्रवासी श्रमिक की मौत और दो अन्य को गंभीर रूप से घायल होने के मामले में किसी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि यह पता लगाना होगा कि क्या निर्माण का वह हिस्सा अवैध था, जो श्रमिकों पर गिरा था।
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने छह अक्टूबर की घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम इस तरह की दुर्घटनाएं नहीं होने दे सकते हैं और लोग जिम्मेदारी लिए बिना चले जाते हैं। हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी।’’
‘सीना थोडू’ के संबंध में उच्च न्यायालय के आदेश पर सफाई कार्य किया जा रहा था। इस दुर्घटना मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने मृतक कामगार के परिवार और घायलों को मुआवजे के साथ-साथ घायल लोगों के लिए उचित चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने पर सुनवाई की।
कोच्चि निगम ने बुधवार को अदालत को बताया कि वह मृतक के परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने को तैयार है और उसे राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है। अदालत ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार निगम का प्रस्ताव मिलने के बाद बिना किसी देरी के निर्णय लेगी। अदालत ने सक्षम प्राधिकारी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि चिकित्सा खर्च ठेकेदार या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा वहन किया जा सकता है।
राज्य सरकार ने कहा कि मृतक श्रमिक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और उसके वारिसों के बारे में प्रमाण पत्र मिलने के बाद कर्मचारी मुआवजा आयोग को एक प्रमाण पत्र भेजा जायेगा जिसके आधार पर मृतक के परिवार को दो लाख रुपए दिये जायेंगे।
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