अनुसंधानकर्ताओं ने ‘वाइन सांप’ की लीद में दो नए बहु दवा प्रतिरोधी जीवाणु पाए

By भाषा | Updated: May 23, 2021 17:55 IST2021-05-23T17:55:49+5:302021-05-23T17:55:49+5:30

Researchers found two new multi-drug resistant bacteria in 'wine snake' droppings | अनुसंधानकर्ताओं ने ‘वाइन सांप’ की लीद में दो नए बहु दवा प्रतिरोधी जीवाणु पाए

अनुसंधानकर्ताओं ने ‘वाइन सांप’ की लीद में दो नए बहु दवा प्रतिरोधी जीवाणु पाए

पुणे, 23 मई पुणे और चंडीगढ़ में अनुसंधानकर्ताओं के एक समूह ने उत्तर पश्चिमी घाटों में आम तौर पर पाए जान वाले हल्के विषैले ‘वाइन सांप’ के मल से दो नये “बहु दवा प्रतिरोधी” जीवाणुओं की खोज की है।

टीम के मुताबिक, सांप के मल से पृथक किए गए नये जीवाणुओं में कम से कम 35 एंटीबायोटिक दवाओं के लिए प्रतिरोध है और यह भविष्य में संक्रामक रोग फैला सकते हैं इसलिए कुछ एंटीबायोटिक दवाएं बनाने के लिए इस दिशा में अनुसंधान करना बेहतर होगा।

इस सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य को श्री शिव छत्रपति कॉलेज, जून्नार, राष्ट्रीय सूक्ष्म जीव संपदा केंद्र, पुणे के राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र, सूक्ष्मजीव प्रकार कल्चर संग्रह और सीएसआई के सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान, चंडीगढ़ के अनुसंधानकर्ताओं ने पूरा किया है।

यह अनुसंधान ‘स्प्रिंगर नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अनुसंधानकर्ता डॉ रविंद्र चौधरी ने कहा कि जानवरों के मल में मौजूद सूक्ष्म जीव मनुष्यों और अन्य जानवरों के साथ बारिश के मौसम में पानी के प्रवाह और हवा के जरिए बहुत आसानी से संपर्क में आ जाते हैं।

उन्होंने कहा, “यहां बताया गया जीवाणु, प्लेनोकोकासी वर्ग के तहत आता है और इस वर्ग की कुछ प्रजातियां रोग पैदा कर सकने वाली प्रकृति की होती हैं इसलिए सांपों में जीवाणु की पहचान करना आवश्यक है क्योंकि वे संक्रामक रोग फैला सकते हैं। ऐसी आशंका है कि इन नये खोजे गए जीवाणुओं के कारण संक्रामक रोग हो सकता है।”

डॉ चौधरी ने कहा कि आम तौर पर, किसी भी संक्रमण के उपचार में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सांप में मिले इन जीवाणुओं पर 35 प्रकार के एंटीबायोटिक्स बेअसर हैं।

उन्होंने दावा किया,“हाल में, ऐसा देखा गया है कि चीनी करेत सांप और चीनी कोबरा कोरोना वायरस का मूल स्रोत हो सकते हैं जिससे घातक संक्रामक सांस संबंधी बीमारी का प्रकोप फैला। जब अनुसंधानकर्ताओं ने 2019-नोवल कोरोना वायरस के अनुक्रम का जैव सूचनात्मक विस्तृत विश्लेषण किया तो पाया कि यह कोरोना वायरस हो सकता है जो सांपों से आया हो।”

डॉ चौधरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल में दावा किया कि 70 प्रतिशत संक्रामक रोग वन्यजीव के सूक्ष्म जीवों से होंगे।

उन्होंने कहा, “इसलिए बेहतर होगा कि हम इस दिशा में अनुसंधान करें और कुछ एंटीबायोटिक दवाएं बनाएं जो मनुष्यों के लिए मददगार होंगी।”

एनसीसीएस के अन्य अनुसंधानकर्ता डॉ योगेश शाउचे ने कहा कि कई जीवाणु सांप के कांटने के बाद घावों में संक्रमण करते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में मरीजों को सेलुलाइटिस (त्वचा का संक्रमण), टिशू नेक्रोसिस (कोशिकाओं का मरना), पैरों की उंगली का मांस सड़ जाना या नेक्रोटाइजिंग फसाइटिस (त्वचा की भीतर की कोशिकाओं को नष्ट करने वाला गंभीर संक्रमण) हो सकता है। ऐसे संक्रमणों को रोकने के लिए केवल एंटीबायोटिक मदद कर सकते हैं। हालांकि,नये जीवाणु पर इनका बेअसर होना चिंता का कारण है।

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Web Title: Researchers found two new multi-drug resistant bacteria in 'wine snake' droppings

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