गणतंत्र दिवस हिंसा: न्यायालय ने थरूर,सरदेसाई व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

By भाषा | Updated: February 9, 2021 14:10 IST2021-02-09T14:10:30+5:302021-02-09T14:10:30+5:30

Republic Day violence: Court bars arrest of Tharoor, Sardesai and others | गणतंत्र दिवस हिंसा: न्यायालय ने थरूर,सरदेसाई व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

गणतंत्र दिवस हिंसा: न्यायालय ने थरूर,सरदेसाई व अन्य की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

नयी दिल्ली, नौ फरवरी उच्चतम न्यायालय ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा को लेकर कथित तौर पर “भ्रामक” ट्वीट के सिलसिले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजदीप सरदेसाई समेत छह पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर उनकी गिरफ्तारी पर मंगलवार को रोक लगा दी।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने थरूर, सरदेसाई और पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ, विनोद के. जोस और अनंत नाथ की याचिका पर केंद्र व अन्य को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है।

पीठ ने जब कहा कि वह इस मामले में नोटिस जारी कर रही है तो थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि तब तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो।

पीठ ने इस पर कहा, “कुछ नहीं होने जा रहा। खतरा कहां है?”

पीठ में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायामूर्ति वी रामसुब्रमण्यम भी शामिल हैं।

अदालत के यह कहने पर कि इस बीच याचिकाकर्ताओं को कुछ नहीं होने जा रहा, कपिल सिब्बल ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सॉलीसीटर जनरल तूषार मेहता दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस की तरफ से पेश हो रहे हैं और वह “इस बीच मेरे दरवाजे पर दस्तक दे मुझे गिरफ्तार कर सकते हैं।”

सिब्बल ने कहा, “कृपया इस दौरान हमें सुरक्षा प्रदान कीजिए।”

इस पर पीठ ने विधि अधिकारी से पूछा कि क्या क्या पुलिस थरूर व अन्य को गिरफ्तार करने की योजना बना रही है।

मेहता ने कहा कि “भयानक” ट्वीट किये गए थे।

मेहता ने कहा, “भयानक ट्वीट किये गए थे। मैं आपको दिखा सकता हूं कि इन ट्वीट का कितना भयावह प्रभाव है जिनके फॉलोअर लाखों में हैं।”

पीठ ने मेहता से पूछा, “क्या आप उन्हें गिरफ्तार करने जा रहे हैं?”

सॉलीसीटर जनरल ने कहा, “मैं आपके सामने हूं माननीय। कृपया कल सुनवाई करें।”

पीठ ने मेहता से पूछा कि क्या वह सभी संबंधित राज्यों की तरफ से पेश हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मैं सभी के लिये पेश होऊंगा।”

याचिकाकर्ताओं को संरक्षण दिये जाने की दलील देते हुए सिब्बल ने कहा, “अगर संरक्षण दिया जाता है तो क्या पूर्वाग्रह होगा?”

पीठ ने कहा, “हम आपको दो हफ्तों बाद सुनेंगे और तब तक गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।”

एक पत्रकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोई धार्मिक भावना आहत नहीं हुई और यह 26 जनवरी की खबर थी कि कुछ लोगों को कथित तौर पर गोली मारी गई और फिर इसे सुधारा गया था।

दिल्ली पुलिस ने 30 जनवरी को थरूर, सरदेसाई और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

इससे पहले थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने कथित राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। अधिकारियों ने कहा था कि ये मामला दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दर्ज हुए थे।

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Web Title: Republic Day violence: Court bars arrest of Tharoor, Sardesai and others

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