न्यायिक अधिकारियों द्वारा हाइब्रिड सुनवाई के संबंध में जिला न्यायाधीशों से रिपोर्ट तलब

By भाषा | Updated: December 13, 2021 18:27 IST2021-12-13T18:27:11+5:302021-12-13T18:27:11+5:30

Report summoned from district judges regarding hybrid hearing by judicial officers | न्यायिक अधिकारियों द्वारा हाइब्रिड सुनवाई के संबंध में जिला न्यायाधीशों से रिपोर्ट तलब

न्यायिक अधिकारियों द्वारा हाइब्रिड सुनवाई के संबंध में जिला न्यायाधीशों से रिपोर्ट तलब

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को यहां के जिला न्यायाधीशों से कहा कि वे उन न्यायिक अधिकारियों के ब्योरे का खुलासा करते हुए एक रिपोर्ट पेश करें, जो पार्टिंयों के अनुरोध पर भी हाइब्रिड या आभासी माध्यम से सुनवाई के उसके निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने यह अवगत कराये जाने पर यह आदेश पारित किया कि अधीनस्थ न्यायालयों में कुछ न्यायिक अधिकारी निर्देशों के बावजूद हाइब्रिड सुनवाई की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

उच्च न्यायालय ने सभी जिला न्यायाधीशों से दो सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट मांगी है जिसमें उन न्यायिक अधिकारियों के विवरण का खुलासा किया गया है, जो पार्टियों के अनुरोध पर हाइब्रिड कार्यवाही की अनुमति देने के उसके निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं।

न्यायालय ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख मुकर्रर की।

अदालत उस अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बताया गया था कि अधीनस्थ अदालतों को हाइब्रिड और वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई की सुविधाओं की अनुमति देने के नवंबर के निर्देशों के बावजूद इस प्रकार के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा रहा था।

वकील अनिल कुमार हजले ने अपनी लंबित याचिका में कोविड-19 खतरे के कारण प्रत्यक्ष सुनवाई के लिए निर्धारित दिनों में जिला अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई करने सहित कई अनुरोध किये गये थे।

वकील ने दलील दी कि हाइब्रिड सुनवाई के लिए संबंधित निचली अदालत के कर्मचारियों को ईमेल, संदेश और अनुरोध भेजने के बावजूद, इस पर न तो विचार किया गया और न ही इसका जवाब दिया गया और अभियोजन के अभाव में मामला खारिज कर दिया गया।

अदालत ने नयी अर्जी पर नोटिस जारी किया और संबंधित मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को भी इसका जवाब देने का निर्देश दिया। न्यायालय ने कहा कि यह आचरण उच्च न्यायालय के आदेशों की स्पष्ट और प्रत्यक्ष अवमानना है।

उच्च न्यायालय ने 17 नवंबर को कहा था कि अधीनस्थ अदालतें उसकी पूर्ण पीठ द्वारा पारित उन निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य हैं, जिसमें पार्टियों के अनुरोध पर हाइब्रिड या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई करने की अनुमति दी गई थी।

हजले के अलावा, वकील मनस्वी झा ने भी इसी तरह का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है, जिसमें प्रत्यक्ष सुनवाई के दिनों में जिला अदालतों में हाइब्रिड सुनवाई करना शामिल है।

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Web Title: Report summoned from district judges regarding hybrid hearing by judicial officers

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