बीएमसी में वार्ड की संख्या बढ़ाने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब
By भाषा | Updated: December 9, 2021 18:50 IST2021-12-09T18:50:43+5:302021-12-09T18:50:43+5:30

बीएमसी में वार्ड की संख्या बढ़ाने संबंधी अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब
मुंबई, नौ दिसंबर बंबई उच्च न्यायालय ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले नगर निकाय चुनावों के मद्देनजर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वार्ड की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित अध्यादेश को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति अमजद सैयद और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उसे 21 दिसंबर तक एक संक्षिप्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
पीठ ने भाजपा पार्षद अभिजीत सामंत और एक राजश्री शिरवाडकर की याचिका पर राज्य सरकार के अलावा निर्वाचन आयोग को भी नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के अलावा आयोग को भी प्रतिवादी बनाया है।
याचिका में इस साल 30 नवंबर को जारी राज्य के उस अध्यादेश को चुनौती दी गयी है, जिसमें मुंबई नगर निगम अधिनियम में संशोधन करके शहर में नगर निगम के वार्डों की संख्या 227 से बढ़ाकर 236 कर दी गई है।
याचिका में दावा किया गया है कि उक्त अध्यादेश दुर्भावनापूर्ण, अवैध और मनमाना था तथा एक खास राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने के लिए अगले साल होने वाले बीएमसी चुनावों से पहले जारी किया गया है।
यद्यपि राज्य सरकार काा यह तर्क है कि उक्त बदलाव यह सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है कि विभिन्न नगर निगमों और नगर परिषदों में सीटों की कुल संख्या संबंधित क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि के अनुरूप हो, जबकि याचिका में दावा किया गया है कि इसके लिए राज्य के पास अपेक्षित डेटा नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने याचिका पर अंतिम रूप से सुनवाई होने तक उच्च न्यायालय से अध्यादेश के अमल पर अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया है। हालांकि , पीठ ने फिलहाल अध्यादेश के अमल पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश देने से इनकार कर दिया है।
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