महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल पुनः खुले, मुख्यमंत्री ने परिवार समेत किया मुंबा देवी का दर्शन
By भाषा | Updated: October 7, 2021 18:23 IST2021-10-07T18:23:20+5:302021-10-07T18:23:20+5:30

महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल पुनः खुले, मुख्यमंत्री ने परिवार समेत किया मुंबा देवी का दर्शन
मुंबई, सात अक्टूबर कोविड-19 महामारी के कारण लगभग छह महीने तक बंद रहने के बाद महाराष्ट्र में धार्मिक स्थल बृहस्पतिवार को पुनः खुले और मुंबई तथा अन्य स्थानों पर मंदिरों और मस्जिदों में सुबह से ही श्रद्धालुओं को देखा गया। नवरात्रि के पहले दिन धार्मिक स्थलों के खुलने के साथ ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे और दोनों बेटे आदित्य और तेजस सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर मुंबा देवी के मंदिर गए और देवी के दर्शन किये।
मुंबई में सुबह से ही मंदिरों और मस्जिदों में श्रद्धालु मास्क लगाए और दो गज की दूरी का पालन करते हुए दिखे। ठाकरे परिवार ने भी मास्क लगा कर और दो गज की दूरी का पालन करते हुए मुंबा देवी मंदिर में लगभग आधे घंटे बिताए। मुख्यमंत्री के साथ मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर भी मौजूद रहीं। दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री ने लोगों को नवरात्रि की शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा, “कोविड-19 के मद्देनजर प्रार्थना स्थल पर स्वास्थ्य नियमों का पालन करना सभी का दायित्व है।” ठाकरे ने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस जनित महामारी को पूरी तरह समाप्त करने के लिए मुंबा देवी से प्रार्थना की।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और भारतीय जनता पार्टी के नेता राम कदम ने भी दोपहर में मुंबा देवी के दर्शन किये। उद्धव ठाकरे नीत सरकार की आलोचना करते हुए कदम ने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने तीन महीने पहले बियर बार फिर से खोलने की अनुमति दी थी लेकिन उसके 105 दिन बाद धार्मिक स्थलों को पुनः खोलने की इजाजत दी गई। सत्तारूढ़ दल शिवसेना ने अपने हिंदुत्व के एजेंडे को छोड़ दिया है। सरकार ने हमारे (भाजपा) प्रयासों के बाद धार्मिक स्थल खोले।”
उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार और उनकी पार्टी के सहयोगी जयंत पाटिल ने सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन किया। राज्य सरकार में मंत्री- राकांपा के नवाब मलिक और कांग्रेस के असलम शेख माहिम दरगाह और हाजी अली दरगाह गए। राज्य में बृहस्पतिवार को मुंबई के अलावा अन्य स्थानों पर भी धार्मिक स्थल पुनः खुले।
ठाणे में भाजपा के विधान परिषद सदस्य निरंजन डावखरे प्रसिद्ध घंटाली देवी के मंदिर गए और दर्शन किये। पारंपरिक परिधान में अनेक श्रद्धालु भी दर्शन करने मंदिर पहुंचे। ठाणे शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र में कोपिनेश्वर मंदिर अंबरनाथ में भगवान शिव का मंदिर भी फिर से खोला गया। पालघर जिले के डहाणू में महालक्ष्मी मंदिर और वसई में वज्रेश्वरी मंदिर में भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
फूल बेचने वालों और अन्य विक्रेताओं ने धार्मिक स्थलों के फिर से खुलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। ठाणे में एक मंदिर के बाहर फूल माला बेचने वाली सपना माली ने कहा, ‘‘मंदिर खुल गए तो अच्छा लग रहा है नहीं तो जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा था।”
सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की थी जिसके अनुसार, प्रसाद वितरण, पवित्र जल के छिड़काव, प्रतिमा को स्पर्श करने आदि की मनाही है। पुणे शहर के कुछ प्रमुख मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहा। श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंडल के एक न्यासी महेश सूर्यवंशी ने कहा, “भगवान गणेश के दर्शन के लिए सुबह से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। हम लोगों को गर्भगृह में प्रवेश देते समय कोविड-19 नियमों का पालन कराने के लिए सभी एहतियात बरत रहे हैं।”
सोलापुर जिले के पंढरपुर में भगवान विट्ठल और देवी रुक्मिणी मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। शिरडी के साई बाबा मंदिर में पास धारक श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। जिले के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 15,000 श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन माध्यम से पास लिया था और उन्हें प्रवेश दिया गया।
कोल्हापुर में भी पास धारक श्रद्धालुओं को महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश दिया गया। नागपुर में मंदिरों, चर्चों और अन्य धार्मिक स्थलों में ज्यादा लोग नहीं दिखाई दिए।
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