हिरासत से कार्यकर्ता की रिहाई: शीर्ष अदालत ने मुआवजे पर मणिपुर सरकार से मांगा जवाब
By भाषा | Updated: July 20, 2021 16:29 IST2021-07-20T16:29:29+5:302021-07-20T16:29:29+5:30

हिरासत से कार्यकर्ता की रिहाई: शीर्ष अदालत ने मुआवजे पर मणिपुर सरकार से मांगा जवाब
नयी दिल्ली, 20 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को मणिपुर सरकार से कल ही शाम रिहा किये गये राजनीतिक कार्यकर्ता लीचोम्बाम एरेंड्रो को मुआवजा देने के संबंध में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस कार्यकर्ता पर कोविड-19 संक्रमण के उपचार के तौर पर गाय के मूत्र एवं गोबर के इस्तेमाल को लेकर भाजपा नेताओं की आलोचना करने पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह गंभीर मुद्दा है क्योंकि कोई व्यक्ति मई से अपनी आजादी गंवा बैठा तथा यह कि याचिकाकर्ताओं ने हिरासत में रखने जाने को लेकर एरेंड्रो को मुआवजा दिये जाने का अनुरोध किया है।
पीठ ने कहा कि वह राज्य सरकार को नोटिस जारी कर रही है और उसने ऐसा कहते हुए मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद करने का फैसला किया।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि यह मामला तीन महीने पहले सामने आया और जैसे ही राज्य सरकार को चीजें पता चलीं, आरोप हटा दिये गये। उन्होंने कहा चूंकि राज्य सरकार ने कार्यकर्ता की रिहाई की अर्जी की तरफदारी की है, इसलिए इस मामले पर यहीं पर विराम लगा दिया जाना चाहिए।
इस पर पीठ ने कहा कि एरेंड्रो को सोमवार को अंतिरम आदेश जारी किये जाने के बाद ही रिहा किया गया और तथा एनएसए के तहत लगाये गये आरोप हटाये गये।
एरेंड्रो के पिता की ओर से पेश वकील शदान फरासत ने कहा कि उनके मुवक्किल की अर्जी मुआवजे के लिए है क्योंकि कार्यकर्ता के विरूद्ध पांच मामलों का जिक्र किया गया जबकि इनमे से किसी में भी आरोपपत्र दायर नहीं किया गया।
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