कोविड-19 के मामलों में रिकार्ड वृद्धि; भारत इसके प्रसार को रोकने में अन्य देशों से बेहतर कर रहा काम

By भाषा | Updated: May 19, 2020 05:17 IST2020-05-19T05:17:18+5:302020-05-19T05:17:18+5:30

आईसीएमआर ने भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए अपनी संशोधित रणनीति में यह भी जोड़ा है कि अस्पतालों में भर्ती किसी भी रोगी को और कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण में लगे अग्रिम पंक्ति के लोगों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण दिखने पर उनकी भी आरटी-पीसीआर जांच होगी।

Record increase in Covid-19 cases; India is doing better than other countries in stopping its spread | कोविड-19 के मामलों में रिकार्ड वृद्धि; भारत इसके प्रसार को रोकने में अन्य देशों से बेहतर कर रहा काम

कोविड-19 के मामलों में रिकार्ड वृद्धि; भारत इसके प्रसार को रोकने में अन्य देशों से बेहतर कर रहा काम

नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ कर 3,029 हो गई है, जबकि पिछले 24 घंटे में संक्रमण के मामलों में 5,242 की रिकार्ड वृद्धि के साथ कुल मामले बढ़ कर 96,169 हो गये। हालांकि, सरकार ने कहा कि भारत में प्रति एक लाख की आबादी पर कोरोना वायरस के 7.1 मामले हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 60 है। पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 के 157 मरीजों की मौत हुई है।

संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच, कोविड-19 की जांच के लिए अपनी रणनीति बदलते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने सोमवार को कहा कि प्रवासी और विदेश से लौटने वाले लोगों में अगर इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसके सात दिन के भीतर उनकी कोरोना वायरस के लिए जांच की जाएगी। उसने यह भी कहा कि जांच नहीं हो पाने की स्थिति में प्रसव समेत अन्य आपातकालीन क्लीनिकल प्रक्रियाओं में देरी नहीं होनी चाहिए।

आईसीएमआर ने भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए अपनी संशोधित रणनीति में यह भी जोड़ा है कि अस्पतालों में भर्ती किसी भी रोगी को और कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण में लगे अग्रिम पंक्ति के लोगों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के लक्षण दिखने पर उनकी भी आरटी-पीसीआर जांच होगी। इसके अलावा किसी संक्रमित मामले के सीधे संपर्क में और अत्यंत जोखिम में रहने वाले ऐसे लोग जिनमें लक्षण नहीं हैं, उनकी संपर्क में आने के पांचवें और दसवें दिन के बीच एक बार संक्रमण का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी।

अभी तक ऐसे मामलों में पांचवें और 14वें दिन के बीच एक बार जांच की जा रही है। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘आईसीएमआर ने देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने के मद्देनजर अपनी रणनीति में बदलाव किया है। नयी रणनीति का उद्देश्य संक्रमण को और प्रभावी तरीके से फैलने से रोकना तथा कोविड-19 की जांच के मानदंड दायरे में शामिल सभी लोगों को प्रामाणिक निदान प्रदान करना है। आईसीएमआर ने कहा, ‘‘आईएलआई के रूप में ऐसे मामलों को परिभाषित किया गया है जिनमें 38 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक बुखार के साथ सर्दी-खांसी और सांस संबंधी संक्रमण की समस्या हो, वहीं अति गंभीर श्वसन संबंधी संक्रमण (एसएआरआई) मामले में उन्हें रखा गया है जिनमें उक्त लक्षणों के साथ रोगी को अस्पताल में भर्ती करना जरूरी हो जाए।’’

अभी तक दिशानिर्देशों के अनुसार हॉटस्पॉट या नियंत्रण (कंटेनमेंट) क्षेत्रों में रह रहे आईएलआई के लक्षण वाले लोगों, एसएआरआई रोगियों और ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों जिनमें लक्षण दिख रहे हों, की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच की जा रही है। साथ ही, बीते 14 दिन में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले ऐसे लोगों जिनमें लक्षण नहीं हैं तथा संक्रमित लोगों के संपर्क में आ रहे लक्षण वाले लोगों की जांच की जा रही थी। लॉकडाउन 4.0 में पाबंदियों में छूट दिये जाने के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने कार्य स्थलों पर वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये एहतियाती कदमों पर दिशानिर्देश जारी किये हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के एक या दो मामले आने पर कार्यालय के समूचे भवन को बंद करने की जरूरत नहीं होगी और निर्देशों के तहत संक्रमणमुक्त बनाने के बाद काम बहाल किया जा सकता है । कार्यस्थल पर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपायों पर दिशानिर्देश में कहा गया है कि हालांकि बड़े स्तर पर मामले सामने आने पर समूची इमारत को 48 घंटे के लिए बंद किया जाएगा। इमारत को संक्रमण मुक्त बनाए जाने और फिर से इसे काम बहाली के लिए उपयुक्त घोषित किए किए जाने तक सभी कर्मचारी घर से काम करेंगे। मंत्रालय के दस्तावेज में कार्यस्थल पर कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए एहतियाती उपायों को रेखांकित किया गया है।

इसमें कहा गया है कि बुखार जैसी स्थिति में किसी भी कर्मचारी को कार्यालय नहीं आना चाहिए और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए । अगर ऐसे व्यक्ति में कोविड-19 के लक्षण मिलते हैं या उनमें संक्रमण की पुष्टि होती है तो तुरंत कार्यालय के अधिकारियों को सूचित करना चाहिए । दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘‘किसी कर्मचारी को उनके रिहायशी इलाके में निषिद्ध क्षेत्र के आधार पर घर पर पृथक-वास में रहने को कहा जाता है तो उन्हें घर से काम करने की अनुमति मिलनी चाहिए। बैठकें करने, आगंतुकों के आने के संबंध में डीओपीटी के निर्देशों का पालन होना चाहिए। ’’ मंत्रालय ने दिशानिर्देश में कहा है कि संक्रमण के अत्यधिक जोखिम वाली स्थिति में 14 दिन पृथक वास में रहना होगा, घर पर पृथक-वास में रहने के लिए निर्देशों का पालन करना होगा और आईसीएमआर द्वारा तय प्रक्रिया के मुताबिक जांच कराना होगा । इसमें कहा गया है कि चूंकि कार्यालय और अन्य कार्यस्थल चारों ओर से बंद होते हैं और इसमें सीढ़ियां, कैफेटेरिया, बैठक कक्ष और सम्मेलन कक्ष साझा तौर पर इस्तेमाल होता है, ऐसे में कर्मचारियों, आगंतुकों के बीच संक्रमण के तेजी से फैलाने का खतरा हो सकता है ।

मंत्रालय ने दस्तावेज में कहा है, ‘‘इसलिए कार्यस्थल पर संक्रमण को रोकने की जरूरत है और संदिग्ध मामले की स्थिति में समय से और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। ’’ कम से कम एक मीटर शारीरिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने या चेहरा ढकने, लगातार हाथ धोने जैसे उपायों पर भी अमल करने को कहा गया है । दिशानिर्देश में कहा गया है, ‘‘अगर एक या दो मामले आते हैं ऐसे क्षेत्र को संक्रमण मुक्त बनाना होता जहां पर मरीज पिछले 48 घंटे में गया हो । समूचे भवन को बंद करने या कार्यालय के अन्य हिस्से में काम रोकने की जरूरत नहीं है। तय प्रक्रिया के तहत संक्रमण मुक्त बनाने के बाद काम बहाल किया जा सकता है । ’’ इस बीच, मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत में संक्रमण मुक्त होने वालों की दर 38.39 फीसदी है।

डब्लूएचओ के आंकड़े का जिक्र करते हुए मंत्रालय ने कहा कि सोमवार तक दुनिया में कोविड-19 मरीजों की संख्या 45 लाख 25 हजार 497 थी। इसके अनुसार प्रति एक लाख की आबादी पर करीब 60 लोग संक्रमित हैं। इसने कहा कि कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामलों की संख्या वाले देशों में अमेरिका में अभी तक 14 लाख नौ हजार 452 मामले सामने आए हैं । यहां एक लाख की आबादी पर करीब 431 संक्रमित हैं। रूस में दो लाख 81 हजार 752 मामले हैं और प्रति लाख आबादी पर यह आंकड़ा 195 मामले होता है।

इसने कहा कि ब्रिटेन में प्रति लाख आबादी पर 361 मामले, स्पेन में प्रति लाख आबादी पर 494 मामले, इटली में प्रति लाख आबादी पर 372 मामले और ब्राजील में प्रति लाख आबादी पर 104 मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अभी तक आक्रामक एवं त्वरित कदम उठाए जाने के कारण उत्साहजनक परिणाम दिखे हैं।’’ भारत में सोमवार की रात आठ बजे तक 24 घंटों के दौरान 157 लोगों की मौत हुई और 5242 मामले सामने आए। 

Web Title: Record increase in Covid-19 cases; India is doing better than other countries in stopping its spread

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