संसदीय समिति की सिफारिश: प्रस्तावित निजी डेटा सुरक्षा कानून से सरकार, सरकारी एजेंसियों को मिल सकती है छूट

By भाषा | Updated: November 22, 2021 22:23 IST2021-11-22T22:23:19+5:302021-11-22T22:23:19+5:30

Recommendation of parliamentary committee: Government, government agencies may get exemption from the proposed personal data protection law | संसदीय समिति की सिफारिश: प्रस्तावित निजी डेटा सुरक्षा कानून से सरकार, सरकारी एजेंसियों को मिल सकती है छूट

संसदीय समिति की सिफारिश: प्रस्तावित निजी डेटा सुरक्षा कानून से सरकार, सरकारी एजेंसियों को मिल सकती है छूट

नयी दिल्ली, 22 नवंबर संसद की एक समिति ने कहा है कि सरकार और सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, रॉ, आईबी एवं यूआईडीएआई समेत उसकी विभिन्न एजेंसियों को राष्ट्रीय सुरक्षा तथा जन कल्याण संबंधी कारणों के चलते प्रस्तावित निजी डेटा सुरक्षा कानून के दायरे से मुक्त किया जा सकता है, हालांकि उन्हे तय प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

निजी डेटा सुरक्षा विधेयक से संबंधित संसद की संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह अनुशंसा भी की है कि ट्विटर एवं फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों को किसी तरह की मध्यवर्ती संस्था नहीं, बल्कि ‘सोशल मीडिया मंच’ माना जाएगा और ये भी इस प्रस्तावित कानून के दायरे में आएंगे।

बहरलहाल, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों ने इस रिपोर्ट के साथ अपनी असहमति का नोट भी दिया है। रिपोर्ट को आज ही अंगीकार किया गया।

सूत्रों ने बताया कि समिति ने विधेयक के खंड 35 को बरकरार रखा है जिसमें प्रस्ताव दिया गया है कि केंद्र सरकार और उसकी कानून प्रवर्तन एजेंसियां संप्रभुता, राज्य की सुरक्षा और दूसरें देशों के साथ मित्रवत संबंधों की खातिर व्यक्तियों की अनुमति के बिना उनके डेटा को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती हैं।

सूत्रों के अनुसार, समिति ने यह भी कहा है कि कुछ एजेंसियों को कानून के दायरे से मुक्त करने के लिए बनाए जाने वाले नियम ‘निष्पक्ष, तर्कसंगत और उचित’ होने चाहिए।

सूत्रों ने बताया कि ईडी, सीबीआई, आईबी और रॉ जैसी कानून प्रवर्तन एवं खुफिया एजेंसियों को इस प्रस्तावि कानून के दायरे से छूट मिल सकती है। आधार सेवा से संबंधित संस्था यूआईडीएआई को भी छूट दी जा सकती है।

सूत्रों का कहना है कि कुछ मामलों में सरकार की कई अन्य इकाइयों, मसलन पुलिस को भी इस कानून से छूट दी जा सकती है।

समिति के प्रमुख पीपी चौधरी ने रिपोर्ट के बारे में कहा कि इसके सदस्यों ने 200 से अधिक संशोधन और 93 अनुशंसाएं की हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सदस्यों और दूसरे संबंधित पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद यह रिपोर्ट आई है। मैं सहयोग के लिए सभी सदस्यों का आभार प्रकट करता हूं। इस प्रस्तावित कानून का वैश्विक असर होगा और डेटा सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानक भी तय होंगे।’’

चौधरी ने यह भी कहा कि समिति ने इस कानून के बन जाने बाद इसे लागू करने के लिए 24 महीने का पर्याप्त समय दिया है।

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Web Title: Recommendation of parliamentary committee: Government, government agencies may get exemption from the proposed personal data protection law

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