दिल्ली के करोल बाग इलाके के अर्पित पैलेस होटल में मंगलवार( 12 फरवरी) की तड़के भीषण आग लगी। इस दुर्घटना में अब तक 17 लोगों की जान चली गई है। एनडीएमसी (NDMC) का कहना है कि आग की शॉर्ट सर्किट हो सकती है। लेकिन अभी तक इसका कोई अधिकारिक प्रमाण नहीं मिला है। मामले की जांच चल रही है।
उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है कि होटल की इमारत में सबसे पहले दूसरी मंजिल पर आग लगी। इस होटल को अक्टूबर 2005 में लाइसेंस दिया गया और हर साल इसका नवीनीकरण हो रहा था। पिछली बार लाइसेंस का नवीनीकरण 25 मई 2018 को किया गया था जो इस साल 31 मार्च तक मान्य है।
इन वजहों से करोल बाग इलाके के अर्पित पैलेस होटल में हादस और भीषण हुआ?
अधिकारी ने बताया, ''घटनास्थल से प्राप्त जानकारी से पता चला है कि 12 फरवरी को तड़के साढ़े तीन बजे दूसरी मंजिल पर शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी।'' लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस हादसा के विकराल रूप को कंट्रोल किया जा सकता था। सोशल मीडिया पर कुछ सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस होटल के पास एओसी (NOC) थी या नहीं? होटल के सुरक्षा इंतजाम के तहत फायर सेफ्टी की उचित व्यवस्था थी या नहीं? आखिर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां होटल में वक्त पर क्यों नहीं पहुंची? ये सारे सवाल होटल असोसिएशन के महासचिव संदीप खंडेलवाल ने उठाए हैं।
खबर है कि होटले के पूसा रोड इलाके में सुरक्षा के इंतजाम को देखते हुए बैरिकेडिंग करते हुए ज्यादातर रास्तों को बंद कर दिया जाता है। इस वजह से जब तड़के होटल में आग लगी तो दमकल विभाग की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच पाई थी। वहीं दूसरी ओर पूसा रोड पर सेंट्रल वर्ज को ट्रैफिक से बचाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां दूसरे ओर के रास्ते से गई थी। जिसमें काफी वक्त लगा था। यही कुछ वजह हैं जिसकी वजह से यह हादसा और भी ज्यादा भीषण हो गया।
क्या करोल बाग अर्पित पैलेस होटल में इंतजाम पूरे थे?
अर्पित पैलेस होटल को एनओसी प्राप्त था। तो क्या सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे और अगर सारे इंतजाम थे तो जब होटल में आग लगी तो उसे इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया? जब ये सारे सवाल होटल असोसिएशन के महासचिव संदीप खंडेलवाल से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी जवाब देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे असोसिएशन इस हादसे में शिकार हुए लोगों की मदद के बारे में अब सोच रहे हैं।
केजरीवाल ने मृतकों के परिजन को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का किया ऐलान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करोल बाग के एक होटल में आग लगने की घटना में मरने वाले लोगों के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया। केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद मुआवजे का ऐलान किया। दिल्ली सरकार ने मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया शोक व्यक्त
प्रधानमंत्री ने भी हादसे में लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया है। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ''दिल्ली के करोल बाग में आग लगने के कारण लोगों की मौत से काफी दुखी हूं। मारे गए लोगों के परिजन के प्रति मेरी संवेदनाएं।''
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, ''मैं करोल बाग के अर्पित होटल में आग लगने से हुई कई लोगों की मौत पर दुख प्रकट करती हूं। हमारे बहादुर दमकलकर्मी मुश्किल परिस्थितियों में भी वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं।''
दिल्ली सरकार में गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि उन्होंने दमकल विभाग से पांच या उससे अधिक मंजिला इमारतों का निरीक्षण करने और एक सप्ताह के भीतर उनके अग्नि सुरक्षा अनुपालन पर एक रिपोर्ट देने को कहा है।
करोल बाग आग: 17 लोगों की मौत, 35 घायल
मध्य दिल्ली के करोल बाग स्थित एक होटल में मंगलवार सुबह भीषण आग लगने से एक बच्चे सहित कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। इनमें दो वे लोग भी शामिल हैं जो जान बचाने के लिए इमारत से कूद गए थे। हादसे में अन्य 35 लोग घायल भी हुए हैं। आग तड़के साढ़े तीन बजे करोल बाग में गुरुद्वारा रोड स्थित होटल अर्पित पैलेस की दूसरी मंजिल पर लगी। होटल में कई लोग उस समय सोए हुए थे जिस कारण वे फंस गए।
अधिकारियों ने बताया कि 45 कमरों के होटल में हादसे के समय 53 लोग थे। उसकी छत पर एक छतरी सी लगी थी जिससे प्रतीत होता है कि वहां रेस्तरां था। दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग लगने की सूचना सुबह चार बजकर 35 मिनट पर मिली और तुरंत दमकल विभाग की 24 गाड़ियां मौके पर भेजी गईं।
पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) मधुर वर्मा ने बताया कि कम से कम 35 लोग जख्मी हुए हैं। वहीं एक व्यक्ति अब भी लापता है। उन्होंने बताया कि 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) ले जाया गया है, दो शवों को लेडी हार्डिंग अस्पताल और एक शव को बीएलके अस्पताल ले जाया गया। 13 शवों में से पांच की पहचान हो गई है, जिनमें से तीन केरल और दो म्यामां के निवासी हैं। (पीटीआई इनपुट के साथ)