ओटीटी प्लेटफॉर्म आने के बाद ही मिली असली पहचान : कीर्ति कुल्हाड़ी

By भाषा | Updated: September 29, 2021 20:42 IST2021-09-29T20:42:09+5:302021-09-29T20:42:09+5:30

Real identity found only after OTT platform came: Kirti Axe | ओटीटी प्लेटफॉर्म आने के बाद ही मिली असली पहचान : कीर्ति कुल्हाड़ी

ओटीटी प्लेटफॉर्म आने के बाद ही मिली असली पहचान : कीर्ति कुल्हाड़ी

श्रीनगर, 29 सितंबर 'फोर मोर शॉट्स प्लीज' और ‘‘क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स’’ जैसी लोकप्रिय वेब सीरीज में काम कर चुकीं अभिनेत्री कीर्ति कुल्हाड़ी का कहना है कि ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म ने नयी-नयी प्रतिभाओं का खुले दिल से स्वागत कर उन्हें मौका दिया और वह खुद भी इसका हिस्सा बन बेहद खुश हैं।

कीर्ति ने कहा कि मनोरंजन उद्योग में ओटीटी के आने से न केवल नये-नये कलाकारों बल्कि निर्देशकों और लेखकों को भी पहले की अपेक्षा अधिक अवसर मिल रहे हैं।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में मंगलवार रात आयोजित पहले हिमालयन फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में अभिनेत्री ने कहा, ‘‘ओटीटी से पहले मुझे कभी मेरा असली हक और पहचान नहीं मिली थी। अब मैं यहां ऐसे समय में आकर बहुत खुश हूं जब इतने सारे नये चेहरे, ऐसी नयी प्रतिभाएं मनोरंजन उद्योग में प्रवेश कर रही हैं। न केवल अभिनेता बल्कि निर्देशक और लेखकों के अलावा अन्य लोगों को भी कई मौके मिल रहे हैं।’’

पांच दिनों तक चले पहले हिमालयन फिल्म महोत्सव में हिमालयी क्षेत्र की कई फिल्मों को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा कई चर्चा सत्र और मास्टर कक्षाएं भी आयोजित की गयीं।

कीर्ति ने थिएटर करने के अपने अनुभवों, 2016 में आई फिल्म ‘पिंक’ में काम करने से लेकर एक अभिनेत्री के रूप में अब तक के अपने सफर के बारे में कहा, ‘‘सिनेमा बदलाव लाने का एक बहुत ही शक्तिशाली माध्यम है और यही कारण है कि मैं वही कर रही हूं। मेरे लिए एक अभिनेत्री होने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि मैं अपने अभिनय के जरिए कितना बदलाव ला सकती हूं। हमें विभिन्न प्रकार की चीजों के बारे में बातचीत करनी चाहिए। मेरा काम अधिकांश रूप से उन चीजों के बारे में बात करता है जिनके बारे में या तो अब तक बात नहीं की गई या जिन्हें नजरअंदाज कर दिया गया अथवा दबा दिया गया।’’

कीर्ति ने मनोरंजन जगत से जुड़े लेखकों को उनका असली हक मिलने पर संतोष जताते हुए कहा, ‘‘लेखकों को अब उनका असली हक मिल रहा है। मैं मनोरंजन उद्योग से हूं लेकिन मुझे पता है कि हम अपने लेखकों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। हम सभी कहते रहते हैं कि फिल्म की पटकथा ही उसकी जान होती है,लेकिन हम उन्हें (लेखकों को) उनका हक नहीं देते हैं। यह बेहद निराशाजनक, कष्टप्रद है और यह आपको बहुत क्रोधित करता है क्योंकि आप यहां कुछ ऐसा करने के लिए हैं जिस पर आप विश्वास करते हैं।

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Web Title: Real identity found only after OTT platform came: Kirti Axe

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