राउत ने पूछा सवाल: पेगासस का वित्तपोषण किसने किया?

By भाषा | Updated: July 25, 2021 15:12 IST2021-07-25T15:12:59+5:302021-07-25T15:12:59+5:30

Raut asked the question: Who financed Pegasus? | राउत ने पूछा सवाल: पेगासस का वित्तपोषण किसने किया?

राउत ने पूछा सवाल: पेगासस का वित्तपोषण किसने किया?

मुंबई, 25 जुलाई शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को पूछा कि पेगासस द्वारा नेताओं और पत्रकारों की कथित जासूसी का वित्तपोषण किसने किया। उन्होंने इसकी तुलना हिरोशिमा परमाणु बम हमले से करते हुए कहा कि जापान के इस शहर पर हमले से लोगों की मौतें हुईं तो वहीं इजराइली सॉफ़्टवेयर की जासूसी से ‘स्वतंत्रता की मौत’ हुई।

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने लिखा, ‘‘ आधुनिक प्रौद्योगिकी हमें गुलामी की तरह वापस लेकर गई है।’’

उन्होंने कहा कि पेगासस मामला ‘हिरोशिमा पर परमाणु बम हमले से अलग नहीं है।’’ राउत ने दावा किया, ‘‘हिरोशिमा में लोगों की मौत हुई जबकि पेगासस मामले से स्वतंत्रता की मौत हुई।’’

उन्होंने कहा कि नेता, उद्योगपति और सामाजिक कार्यकर्ताओं को यह डर है कि उनकी जासूसी की जा रही है और यहां तक कि न्यायपालिका और मीडिया भी इसी दबाव में है। सामना के कार्यकारी संपादक ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय राजधानी में स्वतंत्रता का वातावरण कुछ साल पहले खत्म हो गया।’’

उन्होंने यह भी पूछा कि इजराइली सॉफ्टवेयर के ज़रिए कथित जासूसी का वित्तपोषण किसने किया।

मीडिया में आई एक रिपोर्ट को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ पेगासस सॉफ़्टवेयर के लाइसेंस तौर पर सालाना 60 करोड़ रुपये का शुल्क लेती है। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि एक लाइसेंस के जरिए 50 फोन को हैक किया जा सकता है, तो ऐसे में 300 फोन के लिए छह से सात लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी। राउत ने पूछा, ‘‘ क्या इतना धन खर्च किया गया? किसने इसका भुगतान किया? एनएसओ का कहना है कि वह अपना सॉफ़्टवेयर सिर्फ सरकारों को बेचता है। अगर ऐसा है तो, भारत में किस सरकार ने इस सॉफ्टवेयर की खरीद की? भारत में 300 लोगों की जासूसी पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए। क्या हमारे देश के पास जासूसी पर इतना धन खर्च करने की क्षमता है?’’

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता (और पूर्व केंद्रीय आईटी मंत्री) रविशंकर प्रसाद ने यह कहकर जासूसी को जायज ठहराया कि दुनिया के 45 देशों ने पेगासस का इस्तेमाल किया है। राउत ने दावा कि वे पत्रकार जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार की आलोचना की, वह भी जासूसी के निशाने पर थे।

एक वैश्विक मीडिया संघ ने पिछले सप्ताह खबर दी थी कि पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल मंत्रियों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और पत्रकारों समेत करीब 300 भारतीयों की निगरानी करने के लिए किया गया। इससे देश में एक बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। हालांकि, सरकार ने खास लोगों पर किसी भी तरह की निगरानी के आरोप को खारिज कर दिया।

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Web Title: Raut asked the question: Who financed Pegasus?

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