रैपिड टेस्टिंग फास्टः कोरोना संक्रमण पकड़ने में फेल, निगेटिव आने के बाद भी लक्षण दे रहे दिखाई, जानिए क्या है मामला
By एसके गुप्ता | Published: November 6, 2020 09:24 PM2020-11-06T21:24:24+5:302020-11-06T21:26:09+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने दिल्ली सरकार के साथ हुई बैठक में कहा है कि वह एंटीजन रैपिड टेस्टिंग में निगेटिव आने वाले रोगियों की जांच को सही नहीं मानते हुए रोगियों से दोबारा जांच कराने को कहें।
नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं है। एकमात्र कोरोना टेस्ट के जरिए संक्रमितों की पहचान कर उन्हें ट्रेस और ट्रीटमेंट की पॉलिसी अपनाई गई है।
ऐसे में रैपिड किट कोरोना टेस्टिंग में एक उम्मीद की तरह आई थी। रैपिड टेस्टिंग प्रक्रिया आसान है और नतीजे भी कुछ मिनटों में आने का दावा किया जाता है। ज्यादातर मामलों में लक्षण का पता ही नहीं चल रहा है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने दिल्ली सरकार के साथ हुई बैठक में कहा है कि वह एंटीजन रैपिड टेस्टिंग में निगेटिव आने वाले रोगियों की जांच को सही नहीं मानते हुए रोगियों से दोबारा जांच कराने को कहें। क्योंकि इस किट के नतीजे ज्यादा सटीक नहीं आ रहे हैं। तमिलनाडु की तर्ज पर आरटीपीसीआर टेस्ट को बढ़ाने की जरूरत है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि भारत की रिकवरी दर 92 फीसदी से अधिक और दिल्ली की रिकवरी दर 89 फीसदी है।दिल्ली में आरएटी और आरटी पीसीआर जांच की तिरछी स्थिति है, 77 फीसदी जांच आरएटी से की जाती हैं, जबकि कुल 23 फीसदी जांच आरटी पीसीआर से की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि गलत निगेटिव परिणामों से कोविड के संक्रमण में संतुष्टि की भावना उभर सकती है, उन्होंने कहा कि यदि निगेटिव परिणाम वाले लोगों में इन्फ्लुएंजा लाइक बीमारी/एसआरआई के लक्षण आते हैं तो उन सबकी अनिवार्य रूप से दोबारा जांच कराई जानी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में तमिलनाडु एकमात्र ऐसा राज्य है जहां एक करोड् लोगों की आरटीपीसीआर कोरोना टेस्टिंग की गई है। यहां अधिकांश टेस्टिंग आरटीपीसीआर तकनीक से की गई है। जिसके परिणाम सटीक आते हैं।
जबकि रैपिड टेस्टिंग किट के परिणाम दावों के विपरीत करीब 70 फीसदी ही सही आ रहे हैं। ऐसे में सरकार की चिंता यह है कि अगर टेस्टिंग सही नहीं होगी तो कोरोना रोगियों की ट्रेसिंग, मॉनिटरिंग और ट्रीटमेंट की चेन पर कैसे काम किया जाएगा। दिल्ली में एक दिन में करीब 50 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है।
इसमें रैपिड एंटीजन किट से करीब 36500 टेस्ट हो रहे हैं और बाकी टेस्टिंग आरटीपीसीआर व अन्य तरीकों से की जा रही है। दिल्ली में रोजाना 6.5 हजार से ज्यादा रोगी आ रहे हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से केंद्र के निर्देशानुसार आरटीपीसीआर टेस्टिंग को बढ़ाने के लिए कहा है। जिससे टेस्टिंग के सटीक नतीजे आ सकें।