RSS प्रमुख मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से कहा- नेशनलिज्म शब्द का इस्तेमाल न करें, इसका मतलब हिटलर होता है
By रामदीप मिश्रा | Published: February 20, 2020 11:39 AM2020-02-20T11:39:51+5:302020-02-20T11:39:51+5:30
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने नेशनलिज्म शब्द का विरोध किया है। उसकी जगह पर कई अन्य शब्दों को बोलने के लिए कहा। नेशनलिज्म शब्द को उन्होंने हिटलर करार दिया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों से कहा है कि वे नेशनलिज्म शब्द का इस्तेमाल न करें। इसका मतलब हिटलर होता है। मोहन भागवत ने यह बात रांची में कही है। वह एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। साथ उन्होंन इसके पीछे का कारण भी बताया।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मोहन भागवत ने कहा, 'नेशनलिज्म शब्द का उपयोग मत कीजिए। नेशन कहेंगे चलेगा, नेशनल कहेंगे चलेगा, नेशनिलिटी कहेंगे चलेगा, नेशनलिज्म मत कहो। नेशनलिज्म का मतलब होता है हिटलर, नाजीवाद, फासीवाद।'
इससे पहले मोहन भागवत ने मंगलवार को स्तंभकारों के एक समूह से कहा था कि 'खुलापन' हिन्दुओं की विशेषता है और इसे बचाये रखा जाना चाहिए। हिन्दू समाज को जागृत होना चाहिए लेकिन किसी के विरूद्ध नहीं होना चाहिए। भागवत ने दिल्ली के छत्तरपुर इलाकों में देशभर के 70 स्तंभकारों से बंद कमरे में संवाद किया था और आरएसएस के बारे में फैलायी जा रही गलत धारणा को लेकर चर्चा की थी।
#WATCH Ranchi: RSS chief recounts his conversation with an RSS worker in UK where he said "...'nationalism' shabd ka upyog mat kijiye. Nation kahenge chalega,national kahenge chalega,nationality kahenge chalgea,nationalism mat kaho. Nationalism ka matlab hota hai Hitler,naziwaad. pic.twitter.com/qvibUE7mYt
— ANI (@ANI) February 20, 2020
नागरिकता संशोधन अधिनियम और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर भागवत ने कहा था कि कोई भी कानून को पसंद या नापसंद कर सकता है, उसे बदलने की भी मांग कर सकता है लेकिन सार्वजनिक सम्पत्ति को जलाया या नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता है। यह लोकतंत्र में सही नहीं है। भागवत ने पूछा, 'लेकिन अब हाथों में तिरंगा और संविधान लेकर तथा भारत माता की जय कह रहे हैं, तब कौन बदल रहा है।'