कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-केयर्स (PM-CARES) की घोषणा कर लोगों से फंड में दान की अपील की। ऐसे में इतिहासकार रामचंद्र गुहा और कांग्रेस के वरिष्ट नेता सवाल उठाए हैं। गुहा का कहना है कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के होते हुए पीएम-केयर्स की जरूरत क्यों पड़ी।
रामचंद्र गुहा ने अपने आधिकारी ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'यह बेहद अहम बात है कि जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष पहले से मौजूद है तो एक नया फंड बनाने की जरूरत क्या है? क्या व्यक्तिगत छवि गढ़ने के लिए इतनी बड़ी राष्ट्रीय आपदा का इस्तेमाल भी किया जाना चाहिए?' वहीं, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लिखा, 'यह बेहद जरूरी है। एक अलग पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट बनाने के बजाय क्यों नहीं PMNRF का नाम बदलकर PM-CARES कर दिया गया। पीएम केयर्स के नियम और खर्चे पूरी तरह से पारदर्शी नहीं हैं? इस अत्यंत असामान्य कदम के लिए पीएमओ की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस बारे में अपना स्पष्टीकरण दे।'
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार ने “प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष” (पीएम केयर्स) नाम से एक सार्वजनिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्य रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई में योगदान देने के लिए इन सबके प्रति आभार जताया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 के संकट से निकलने में राष्ट्र की मदद के वास्ते इस कोष में अपनी एक महीने की तनख्वाह देने का संकल्प लिया और देशवासियों से इसमें उदारता से दान करने की अपील की है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश का सबसे बड़ा, सार्वजनिक क्षेत्र का नियोक्ता रेलवे इस कोष में 151 करोड़ रुपये का योगदान देगा जो 13 लाख कर्मचारियों का एक दिन का वेतन है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी एक महीने की तनख्वाह दान करने की घोषणा की। साथ में, उन्होंने यह भी बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना के कर्मी तथा मंत्रालय के कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन दान करने का फैसला किया है जो 500 करोड़ रुपये होता है।