राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार( 19 मार्च) को कई जवानों और उनके परिवारों को शौर्य चक्र के सम्मान से नवाजा। इसी में जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक 14 साल के का लड़का इरफान रमजान शेख को भी शौर्य चक्र से नवाजा गया। इरफान रमजान शेख को आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी से लड़ने के लिए ये सम्मान दिया गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इरफान ने साल 2017 में 14 साल की उम्र में उसके घर पर तीन आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले को नाकाम किया था और अपने परिवार को सुरक्षित बचाया था।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने जो वीडियो शेयर की है, उसमें जो कहानी बताई जा रही है, उसके मुताबिक, 16-17 अक्टूबर 2017 को आतंकवादियों ने राजनीतिक कार्यकर्ता रमजान शेख के घर को चारों ओर से घेर लिया था। जब आतंकवादियों ने दरवाजा खटखटाया तो इरफान रमजान शेख ने दरवाजा खोला। उसके बाद उसने देखा कि उसके घर के बरामदे में एके-47 और कई हथियार रखे हुए थे, इसके साथ ही तीन आतंकवादी भी खड़े थे। इसी बीच इरफान खान ने अपने उच्च साहस को दिखाते हुए आतंकियों को अपने घर में नहीं घुसने दिया।
इसी बीच जब शेख के पिता बाहर निकले तो आतंकवादी उनके पिता पर टूट पड़े। लेकिन शेख ने अपनी परवाह किए बिना आतंकवादियों से लोहा लिया। इस बीच आतंकवादियों के अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें इरफान के पिता घायल हो गए लेकिन फिर भी इरफान ने हार नहीं मानी और उस आतंकी से भिड़ गए जिसने पिता पर गोली चलाई थी और उसे बूरी तरह से घायल हो गई थी। जब आतंकियों ने वहां से भागने की कोशिश की तो आपने उनका पीछा किया और फिर आतंकी अपने साथी आतंकवादी के शव को छोड़कर भाग गए। इस तरह इरफान ने छोटी सी उम्र में अपने साहस का परिचय दिया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसके अलावा वीरता और अदम्य साहस का प्रदर्शन करने के लिए सशस्त्र बलों के कर्मियों को भी शौर्य च्रक से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति कोविंद ने राइफलमैन जयप्रकाश उरांव (मरणोपरांत) बाद कीर्ति चक्र प्रदान किया है। ये असम राइफल्स के चौथी बटालियन के जवान थे। मणिपुर में एक ऑपरेशन के दौरान, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने असाधारण साहस का प्रदर्शन किया और दो आतंकवादियों को खत्म कर दिया और दो और को घायल कर दिया था।