नई दिल्लीः राम मंदिर जमीन खरीद मामले में कथित घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है।
भाजपा और संघ के पदाधिकारियों के राम मंदिर के नाम पर बिलों के भुगतान कराने के एवज़ में रिश्वत मांगने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल यह मामला राजस्थान के क्षेत्रीय संघ प्रचारक निम्बा राम जी और भाजपा नेता राजा राम, जो जयपुर की निलंबित मेयर सौम्या के पति हैं से जुड़ा है।
नागपुर की एक कम्पनी से 276 करोड़ के बिलों के भुगतान कराने के लिये कुल रकम का 10 फ़ीसदी कमीशन कथित रूप से मांग रहे हैं। कंपनी के अधिकारियों, निम्बा राम, राजा राम की बातचीत के सार्वजानिक हुए ऑडियो और वीडिओ टेप में हुए खुलासे ने राजनीतिक हलकों में कोहराम मचा दिया है। संघ-भाजपा की दलील है कि यह रकम राम मंदिर निर्माण के लिये ली जा रही थी।
कांग्रेस ने आज इस मुद्दे को उठाते हुये साक्ष्य के तौर पर ऑडिओ और वीडिओ टेप जारी कर दिए तथा आरोप लगाया भाजपा और संघ मंदिर निर्माण के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार कर रही है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा आज तक आरएसएस पंजीकृत नहीं है, क्यों नहीं है, हम जानना चाहते हैं?
क्यों नहीं आयकर विभाग में ये अपना टैक्स देते हैं, इनकम टैक्स देते हैं, बताइए? मंदिर के नाम पर आरएसएस एवं इनके तमाम संगठनों ने पिछले 1991-92 से लेकर अब तक जितना चंदा इकट्ठा किया है, उसका ऑडिट कहाँ है?
दिखाइए जरा, साझा कीजिए और उस पैसे को क्या आपने ट्रस्ट को सुपुर्द किया, जो पिछले 20-25 साल से आप जमा करते आ रहे हैं मंदिर के नाम पर? क्या आपने वो पैसा ट्रस्ट को सुपुर्द किया, यदि हां, तो कितना पैसा, कौन सा चेक, कौन सा ड्राफ्ट, वो साझा कीजिए, सार्वजनिक कीजिए।
उन्होंने साफ़ किया कि बातचीत में राजाराम, गडकरी और फड़नवीस से फोन ना करवाएं पेमेंट रिलीज करवाने के लिए भी कहते सुने गये हैं । उल्लेखनीय है कि जयपुर नगर निगम पर भाजपा का कब्ज़ा है जबकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है। दरअसल भाजपा शासन काल में नागपुर की कम्पनी बी बी जी को शहर में कूड़ा -कचरा उठाने का ठेका दिया गया था।