राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादः सुनवाई पूरी, 23 दिन बाद उच्चतम न्यायालय सुनाएगा फैसला, 8 नवंबर को क्या होगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 16, 2019 16:34 IST2019-10-16T16:06:35+5:302019-10-16T16:34:44+5:30
अब सुप्रीम कोर्ट ने लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई खत्म हो गई है। सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं। अब सुप्रीम कोर्ट ने लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई पूरी की, आदेश सुरक्षित रखा। न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में 40 दिन तक दलीलें सुनीं।
Supreme Court says that the rest of the submissions can be made in written form in the next 3 days. https://t.co/wT0mDILrID
— ANI (@ANI) October 16, 2019
संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्षकारों की ओर से बहस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने बुधवार को संविधान पीठ के समक्ष भगवान राम के सही जन्मस्थल को दर्शाने वाला सचित्र नक्शा फाड़ दिया।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह द्वारा अयोध्या में विवादित स्थल पर भगवान राम के जन्म स्थल को दर्शाने वाले नक्शे का हवाला दिये जाने पर राजीव धवन ने आपत्ति की थी। इस पर धवन ने पीठ से पूछा कि उन्हें इसका क्या करना चाहिए, पीठ ने कहा कि वह इसके टुकड़े कर सकते हैं। इस पर राजीव धवन ने न्यायालय कक्ष में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के अधिवक्ता द्वारा उपलब्ध कराया गया सचित्र नक्शा फाड़ दिया।
विकास सिंह ने बहस के दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के विभन्न बिन्दुओं का उल्लेख किया और कहा कि भगवान राम के जन्म स्थान की पवित्रता के प्रति हिन्दुओं में आदि काल से गहरी आस्था और विश्वास बना हुआ है। धवन ने पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुनाल द्वारा लिखित एक पुस्तक का हवाला देने के विकास सिंह के प्रयास का विरोध किया और कहा कि इस तरह के प्रयास की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पीठ ने इसके बाद सिंह को अपनी दलीलें जारी रखने के लिये कहते हुये टिप्पणी की, ‘‘धवन जी, हमने आपकी आपत्ति का संज्ञान ले लिया है।’’