कांग्रेस राज्यसभा में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती थी। पार्टी को लग रहा था कि सहयोगी दल के सहयोग से अपनी संख्या बढ़ा लेंगे। लेकिन कांग्रेस को निराशा हाथ लगी। बिहार में राजद, झारखंड में जेएमएम और तमिलनाडु में डीएमके ने पार्टी को झटका दिया। सहयोगी दलों ने खुद अपने प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है।
राज्यसभा की अप्रैल में रिक्त हो रही 55 सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने यह घोषणा की थी। आयोग ने कहा कि राज्यसभा में 17 राज्यों की ये सीटें सदस्यों के कार्यकाल पूरे होने के कारण अप्रैल में अलग-अलग तारीखों को रिक्त हो रही हैं।
राज्यसभा चुनाव की अधिसूचना छह मार्च को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 13 मार्च था। मतगणना चुनाव खत्म होने के करीब एक घंटे बाद 26 मार्च की शाम को ही की जाएगी। कांग्रेस को सहयोगी दल ने झटका दिया है। बिहार में राजद ने एक सीट देने का वादा किया था, जो हो नहीं सका। लालू यादव ने दो सीट पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। बिहार में इस बार 5 सीट पर चुनाव है।
बिहार की तरह तमिलनाडु में भी कांग्रेस अपनी सहयोगी डीएमके से एक राज्यसभा सीट की उम्मीद लगा रखी थी।डीएमके पिछले चुनावों में प्रतिद्वंद्वी एआईएडीएमके से परास्त हुई थी, ऐसे में कांग्रेस को लग रहा था कि डीएमके राज्य की सत्ता में वापसी के लिए साथी दल को साधकर रखेगी, लेकिन कांग्रेस का यह आकलन भी फेल हो गया। डीएमके ने कांग्रेस को सीट देने की बजाय खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
कांग्रेस की अनदेखी कर राजद ने राज्यसभा के दो उम्मीदवार घोषित किए
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार से दो राज्यसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी। राजद ने कांग्रेस की उस मांग को नजरअंदाज कर दिया, जिसमें उसने एक सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने की इच्छा जताई थी। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में राज्यसभा की दो सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए प्रेम चंद्र गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह के नाम की घोषणा की थी। राजद ने पांच सीटों पर होने वाले चुनाव में से दो सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। विपक्ष को सत्तारूढ़ राजग से दो सीटें अपने खाते में ले जाने की उम्मीद है। राजद सुप्रीमो लालू यादव के करीबी गुप्ता वर्तमान में पड़ोसी राज्य झारखंड से उच्च सदन के सदस्य हैं लेकिन उनका कायर्काल अगले महीने खत्म हो रहा है। गुप्ता संप्रग के पहले कायर्काल में केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। वहीं, सिंह पटना के नामी उद्योगपति हैं और उनकी उम्मीदवारी ने कई लोगों को अचरज में डाल दिया है। सिंह की उम्मीदवारी को आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सवर्ण वोटों को हासिल करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
झारखंड में दो सीट लेकिन तीन प्रत्याशी मैदान में
झारखंड में दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी हो गई है। दूसरी सीट पर भाजपा और कांग्रेस में टक्कर है। भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने शहजादा अनवर को प्रत्याशी बनाया है। जेएमएम ने कांग्रेस की मांग को बिल्कुल भी तवज्जो नहीं दी और पार्टी ने शिबू सोरेन को राज्यसभा का प्रत्याशी बना दिया है। बाकी एक सीट पर कांग्रेस के पास इतने सदस्य नहीं हैं कि वो अपने दम पर चुनाव जीत सके। माना जा रहा है कि दूसरी सीट बीजेपी के खाते में जा सकती है। इस तरह झारखंड में भी कांग्रेस को निराशा हाथ लगी है।