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लद्धाख में चीनी सैनिकों के साथ टकराव: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री और तीनों सेना प्रमुखों के साथ की बैठक

By रामदीप मिश्रा | Updated: June 16, 2020 14:27 IST

भारत चीन विवादः बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है।

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ठळक मुद्देरक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की है। लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए।

नई दिल्लीः लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ ''हिंसक टकराव'' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए। इस बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की है। इस मीटिंग में पूर्वी लद्दाख के हालिया घटनाक्रमों पर चर्चा की गई।हिंसक टकराव को लेकर भारतीय सेना ने कहा कि भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए बैठक कर रहे हैं। सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।''  इससे पहले लद्दाख सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत अपने 'राष्ट्रीय गौरव' के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। देश की सुरक्षा क्षमता बढ़ी है और अब यह 'कमजोर' देश नहीं रहा है। सिंह ने कहा था कि मैं यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय गौरव से समझौता नहीं करेंगे। भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में मजबूत हो गया है। भारत अब कमजोर देश नहीं रहा है। लेकिन यह ताकत किसी को डराने के लिये नहीं है। अगर हम अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं तो अपने देश की सुरक्षा के लिए कर रहे हैं। 

भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में पांच सप्ताह से अधिक समय से गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। चीनी सेना के जवान बड़ी संख्या में पैंगोंग सो समेत अनेक क्षेत्रों में सीमा के भारतीय क्षेत्र की तरफ घुस आए थे। भारतीय सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन की इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करती रही है और उसने क्षेत्र में अमन-चैन की बहाली के लिए चीनी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की है। दोनों पक्षों ने पिछले कुछ दिन में विवाद सुलझाने के लिए श्रृंखलाबद्ध बातचीत की है। 

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