52 साल पहले राजमाता ने गिराई थी मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार, अब उनके पौत्र के कारण सरकार संकट में

By भाषा | Updated: March 11, 2020 22:39 IST2020-03-11T22:39:36+5:302020-03-11T22:39:36+5:30

वर्ष 1967 में लोकसभा एवं मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव हुए थे। राजमाता इस सिलसिले में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा से मिलने गई थीं, मिश्रा ने उनको दो घंटे प्रतीक्षा करवाई और तब उनसे मुलाकात की। इससे वह खफा हो गईं और उन्होंने कांग्रेस ही छोड़ दी थी।

Rajmata dropped Congress govt of MP 52 years ago, now govt is in trouble due to her grandson Jyotiraditya | 52 साल पहले राजमाता ने गिराई थी मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार, अब उनके पौत्र के कारण सरकार संकट में

कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया। (फाइल फोटो)

Highlightsकांग्रेस पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने से खफा होकर ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने वर्ष 1967 में पार्टी छोड़ दी थी जिससे मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गई थी....और अब 52 साल बाद उनके पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस पार्टी से आहत होकर बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये जिससे मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने से खफा होकर ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने वर्ष 1967 में पार्टी छोड़ दी थी जिससे मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिर गई थी और अब 52 साल बाद उनके पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस पार्टी से आहत होकर बुधवार को भाजपा में शामिल हो गये जिससे मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

सिंधिया परिवार से लंबे समय से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि राजमाता विजयाराजे ने कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिलने के कारण वर्ष 1967 में कांग्रेस छोड़ी थी और कुछ ही दिनों बाद भारतीय जनसंघ में शामिल हो गई थीं। इसके बाद जुलाई 1967 में मध्य प्रदेश की तत्कालीन द्वारका प्रसाद मिश्रा की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी । अब कांग्रेस से आहत होकर उनके 49 वर्षीय पौत्र ज्योतिरादित्य भी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गये हैं और मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर संकट मंडरा रहा है।

ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता विजयाराजे देश के प्रथम प्रधानमंत्री एवं राहुल गांधी के परनाना पंडित जवाहरलाल नेहरू की कभी बहुत करीबी मानी जाती थीं। विजयाराजे ने अपना राजनीतक जीवन वर्ष 1957 में कांग्रेस से शुरू किया था और 10 साल इसमें रहने के बाद वर्ष 1967 में इस पार्टी को अलविदा कह दिया था।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1967 में लोकसभा एवं मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए एक साथ चुनाव हुए थे। राजमाता इस सिलसिले में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्रा से मिलने गई थीं, मिश्रा ने उनको दो घंटे प्रतीक्षा करवाई और तब उनसे मुलाकात की। इससे वह खफा हो गईं और उन्होंने कांग्रेस ही छोड़ दी थी।

उन्होंने कहा कि इसके बाद वह स्वतंत्र पार्टी के चुनाव चिह्न पर वर्ष 1967 का लोकसभा चुनाव लड़ीं और जीतीं। लेकिन कुछ ही दिनों बाद राज्य की राजनीति करने के लिए उन्होंने सांसद के पद से त्यागपत्र दे दिया और भारतीय जनसंघ में शामिल होकर मध्य प्रदेश की करेरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनीं। इसके बाद उन्होंने उसी साल मिश्रा की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई।

उन्होंने कांग्रेस के 36 विधायक तोड़े और गोविंद नारायण सिंह को उनके स्थान पर मुख्यमंत्री बनवाया।

वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले ज्योतिरादित्य को अपनी समस्याओं को रखने के लिए बार-बार अनुरोध करने पर भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को दिल्ली में मिलने का समय नहीं दिया।

सोनिया और कांग्रेस नेता राहुल द्वारा पार्टी में तवज्जो नहीं दिए जाने से हताश ज्योतिरादित्य ने पार्टी छोड़ी दी और उसके एक दिन बाद आज भाजपा में शामिल हो गए। इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार पर संकट मंडरा रहा है।

Web Title: Rajmata dropped Congress govt of MP 52 years ago, now govt is in trouble due to her grandson Jyotiraditya

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