अयोध्या में मंदिर निर्माण अभियान में राजस्थान से सर्वाधिक 515 करोड़ रूपये की निधि समर्पित :चंपतराय

By भाषा | Updated: March 7, 2021 22:11 IST2021-03-07T22:11:00+5:302021-03-07T22:11:00+5:30

Rajasthan's highest fund of Rs 515 crore dedicated in temple construction campaign in Ayodhya: Champatarai | अयोध्या में मंदिर निर्माण अभियान में राजस्थान से सर्वाधिक 515 करोड़ रूपये की निधि समर्पित :चंपतराय

अयोध्या में मंदिर निर्माण अभियान में राजस्थान से सर्वाधिक 515 करोड़ रूपये की निधि समर्पित :चंपतराय

जयपुर, सात मार्च विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय उपाध्यक्ष एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने कहा है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर के लिए देशभर में राजस्थान से सर्वाधिक 515 करोड़ रूपये निधि का समर्पण हुआ है।

राय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि राजस्थान के 36 हजार गांवों और शहरों से मंदिर के लिए 515 करोड़ रुपये से अधिक निधि का समर्पण हुआ है। उनक कहना था कि देश में मकर संक्रान्ति (15 जनवरी) से माघी पूर्णिमा (27 फरवरी) तक 42 दिन चले अभियान में एक लाख 75 हजार टोलियों के माध्यम से करीब नौ लाख कार्यकर्ताओं ने घर-घर संपर्क किया।

उन्होंने कहा कि चार मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार मंदिर निर्माण के लिए अब तक 2500 करोड़ रुपये की राशि एकत्र हो चुकी है एवं अभी अंतिम आंकड़ा आना शेष है।

उन्होंने कहा कि मंदिर के चबूतरे के लिए मिर्जापुर जिले और परकोटा के लिए जोधपुर का पत्थर लगाने पर विचार चल रहा है तथा मंदिर में भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर का पत्थर लगेगा।

उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए 400 फीट लम्बाई, 250 फीट चौड़ाई और 40 फीट गहराई तक मलबा बाहर निकाला जा रहा है जिसके बाद भराई का काम शुरू होगा। राय का कहना था कि भराई सामग्री आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिक तैयार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जमीन तक क्रांकिट और इस पर 16.5 फीट उंचा चबूतरा पत्थरों से बनेगा जिस पर मंदिर बनेगा। उनके अनुसार मंदिर भूतल से 161 फीट उंचा होगा और वह 361 फीट लम्बा और 235 फीट चौड़ा होगा।

उन्होंने बताया कि तीन मंजिल बनेगा, प्रत्येक मंजिल की उंचाई 20 फीट होगी। कुल 160 खंभे लगेंगे।

राय ने कहा, ‘‘करीब ढ़ाई एकड़ में केवल मंदिर बनेगा। मंदिर के चारों ओर छह एकड़ में परकोटा बनेगा। बाढ़ के प्रभाव को रोकने के लिए रिटेनिंगवाल जमीन के अंदर दी जाएगी। तीन वर्ष में यह काम पूरा हो जाएगी, इस तैयारी से हम काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया ,‘‘पर्यावरण के लिए अनुकूल वातावरण खड़ा करने का हम सब प्रयास कर रहे हैं। मंदिर के परकोटे से बाहर शेष 64 एकड़ भूमि पर क्या बनें इस पर आर्किटेक्ट काम कर रहे हैं। अंदर का वातावरण सात्विक और प्राकृतिक बना रहे इसकी पूरी कोशिश है। अगस्त के महीने में 70 एकड़ भूमि का सर्वेक्षण जयपुर की एक कंपनी ने किया है।’’

उन्होंने बताया कि इस जमीन पर करीब 500 विशाल वृक्ष हैं जिन्हें बिना काटे ही स्थानांरित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ भरतपुर के बंशी पहाड़पुर का पत्थर केवल मंदिर में लगेगा। अनेक लोगों का सुझाव है कि परकोटे में जोधपुर का पत्थर लगाया जाए। अभी यह विचाराधीन है। चबूतरे बनाने के लिए लिए मिर्जापुर जिले का पत्थर लगाने पर विचार चल रहा है। मंदिर, परकोटा और चबूतरे को मिला लें तो करीब 12 से 13 लाख घन फीट पत्थर की आवश्यकता होगी।

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