राजस्थान की राजनीति: अशोक गहलोत को बीटीपी का समर्थन, वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ी
By भाषा | Updated: July 19, 2020 02:41 IST2020-07-19T02:41:26+5:302020-07-19T02:41:26+5:30
राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के कथित प्रयासों पर नाराजगी जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर निर्वाचित सरकार को गिराने के जैसे षडयंत्र आज हो रहे हैं वैसे कभी नहीं हुए।

सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उनके साथ 18 अन्य विधायकों के बगावत के बाद राज्य की गहलोत सरकार पर खतरा मंडराने लगा है।
जयपुर: राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीटीपी के दो विधायकों को अपने पक्ष की ओर लाने में सफल रहे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता वसुंधरा राज ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि वह भाजपा की सच्ची कार्यकर्ता हैं और पार्टी की विचारधारा के साथ हैं।
सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 बागी विधायकों के कांग्रेस से बगावत के बाद राज्य में गहलोत सरकार के भविष्य पर प्रश्न चिह्न लग गया है, लेकिन इस दौरान सामने आए दो कथित ऑडियो टेप अभी भी इस राजनीतिक उठ-पटक के केन्द्र में हैं। इस बीच राजस्थान पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो (एसीबी) ने दोनो ऑडियो क्लिप के मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया है। इन दोनों टेप में कथित रूप से गहलोत सरकार को गिराने के लिए किए गए षड्यंत्र से जुड़ी बातचीत रिकॉर्ड है।
भाजपा ने इन टेपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार लोगों के फोन टैप करवा रही है। राजस्थान एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि एजेंसी ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी में बागी विधायक भंवरलाल शर्मा की गजेन्द्र सिंह और एक अन्य व्यक्ति संजय जैन के साथ बातचीत का विस्तृत ब्योरा है। कांग्रेस का दावा है कि ऑडियो टेप में जिस गजेन्द्र सिंह का नाम आ रहा है और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह हैं। कांग्रेस का आरोप है कि पार्टी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त संबंधी बातचीत वाले ऑडियो टेप में जिस संजय जैन का नाम आया है वह भाजपा नेता है, लेकिन भगवा पार्टी ने इससे साफ इंकार किया है।
भाजपा का कहना है कि उसका जैन से कोई वास्ता नहीं है। शुक्रवार रात को गिरफ्तार किए गए जैन को अदालत ने चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली में भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने सवाल किया कि क्या राजस्थान की कांग्रेस सरकार नेताओं की फोन टैपिंग कराने की ‘‘असंवैधानिक’’ तरीके अपना रही है। उन्होंने इसे ‘‘षड्यंत्र, झूठ और फरेब’’ बताते हुए इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पलटवार करते हुए कहा कि ऑडियो टेप की जांच सीबीआई से कराने की मांग दिखाती है कि गहलोत सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया गया और यह भाजपा द्वारा अपनी गलती की ‘स्वीकरोक्ति है।’’
कांग्रेस ने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि पायलट और अन्य विधायकों के बागी होने के पीछे भाजपा का हाथ है। उसने कहा कि सच्चाई यह है कि बागी विधायकों ने भाजपा शासित हरियाणा को होटल में शरण लिया है, यह भी साक्ष्य है कि भागवा पार्टी विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल है। वहीं राजस्थान में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दोनों विधायकों राजकुमार रोत एवं रामप्रसाद ने यहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राज्य की अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देने की घोषणा की।
गहलोत ने ट्वीट किया,‘‘बीटीपी के दोनों विधायकों ने उनकी प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ मुलाक़ात कर और अपने मांगपत्र के साथ चर्चा कर सरकार को समर्थन देने की घोषणा की।’’ इस राजनीतिक उठापटक के बीच गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से राजभवन जाकर भेंट की।
प्रवक्ता ने इसे शिष्टाचार भेंट बताते हुए कहा कि दोनों के बीच कोरोना वायरस महामारी पर चर्चा हुई। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उनके साथ 18 अन्य विधायकों के बगावत के बाद राज्य की गहलोत सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। फिलहाल प्रत्येक सीट महत्वपूर्ण हो गई है। दो सौ सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में पहले कांग्रेस के पास 107 विधायक थे, जिनमें से 19 बागी को गए हैं। इन्हें विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्यता नोटिस जारी किया है जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है।
कांग्रेस का अभी भी दावा है कि गहलोत सरकार के पास बीटीपी के दो विधायकों सहित कुल 109 सदस्यों का समर्थन है। अयोग्यता नोटिस पर अदालत में सुनवाई सोमवार को जारी रहेगी और विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने आज कहा कि वह पार्टी की निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जनता की सेवा करती रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं। राज्य में जारी मौजूदा राजनीतिक रस्साकशी एवं कांग्रेस द्वारा भाजपा नेताओं पर गहलोत सरकार गिराने की साजिश के आरोप लगाए जाने के बीच राजे ने पहली बार कोई बयान दिया है। राजे ने ट्वीट किया,‘‘राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर कुछ लोग बिना किसी तथ्यों के भ्रम फैलाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने ट्विटर पर लिखा,'' मैं पिछले तीन दशक से पार्टी की एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में जनता की सेवा करती आई हूं और पार्टी एवं उसकी विचारधारा के साथ खड़ी हूं।’’ उल्लेखनीय है कि राज्य के मौजूदा राजनीतिक संकट के बीच राजग के घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री गहलोत एवं राजे के बीच 'गठजोड़' का आरोप लगाया था। कांग्रेस के बागी सचिन पायलट ने भी कथित तौर पर कहा था कि गहलोत जनता से किए वादे पूर करने के बजाय राजे को आवंटित बंगले को बचाए रखने में उनकी मदद कर रहे हैं। राजे के बयान को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। उससे पहले राजे ने एक और ट्वीट में कहा था, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस की आतंरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है।’’
उन्होंने लिखा था,‘‘ऐसे समय में जब राज्य में कोरोना से 500 से अधिक मौत हो चुकी है और करीब 26000 लोग संक्रमित मिल चुके हैं ... जब टिड्डियां हमारे किसानों के खेताों पर लगातार हमले कर रही हैं ... ऐसे समय में जब महिलाओं के खिलाफ अपराध ने सीमाएं लांघ दी हैं, ऐसे समय में कांग्रेस भाजपा एवं भाजपा नेतृत्व पर दोष लगाने का प्रयास कर रही है।’’ राजे ने कहा था,‘‘सरकार के लिए सिर्फ और सिर्फ जनता का हित सर्वोपरि होना चाहिए।’’ उन्होंने लिखा था, ‘‘ कभी तो जनता के बारे में सोचिए।’’ इस राजनीतिक हलचल के बीच बागी विधायकों के योग करने, मुगल-ए-आजम फिल्म देखने जैसी तस्वीरें टीवी और सोशल मीडिया पर आ रही हैं। फिलहाल पायलट खेमे के बारे में कुछ खास खबर नहीं मिली है।
उधर से सभी चुप्पी साधे हुए हैं। वे लोग शुक्रवार तक हरियाणा के एक रिसॉर्ट में रूके हुए थे। कांग्रेस के कुछ नेताओं का आरोप है कि वे भाजपा शासित किसी अन्य राज्य में ले जाए गए हैं। लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने भी मुख्यमंत्री गहलोत पर तीखा हमला बोला और कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए। इस पर पलटवार करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि मायावती ‘मजबूर’ हैं और अपनी ‘मजबूरियों’ के चलते वह बार-बार कांग्रेस विरोधी टिप्पणियां करती हैं।
मायावती ने कुछ महीने पहले अपनी पार्टी के विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का उल्लेख करते हुए गहलोत पर जम कर निशाना साधा और दावा किया राजस्थान के मुख्यमंत्री ने पहले बसपा के विधायकों को ‘दगाबाजी करके’ कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैपिंग करा कर असंवैधानिक काम किया है। मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप करा के उन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।’’
राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राजस्थान में कांग्रेस सरकार को गिराने के कथित प्रयासों पर नाराजगी जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा विपक्षी पार्टी के साथ मिलकर निर्वाचित सरकार को गिराने के जैसे षडयंत्र आज हो रहे हैं वैसे कभी नहीं हुए। मेघवाल ने से कहा,‘‘राजस्थान की राजनीति पटरी से उतर गयी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब राज्य कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से जूझ रहा है और गरीबों में बेरोजगारी मुंह बाये खड़ी है... राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास हो रहे हैं।’’