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राजस्थान में नवजात की मौत: धर्म के आधार पर अस्पताल में भर्ती नहीं मिलने के आरोपों को प्रशासन ने किया खारिज, पिता अपने बयान पर अड़े

By स्वाति सिंह | Updated: April 6, 2020 11:45 IST

एक नवजात शिशु के पिता ने शनिवार को आरोप लगाया कि राजस्थान के भरतपुर जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को भर्ती करने से इस वजह से मना कर दिया क्योंकि वह मुस्लिम थी। उनका कहना है है कि उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया।

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ठळक मुद्देर्भवती महिला को भर्ती ना देने के आरोप को प्रशासन ने जांच के बाद खारिज किया है। आरोप लगाया था कि अस्पताल ने गर्भवती महिला को मुस्लिम होने के चलते भर्ती करने से मना कर दिया

जयपुर: नवजात शिशु के पिता द्वारा धर्म के आधार पर सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला को भर्ती ना देने के आरोप को प्रशासन ने जांच के बाद खारिज किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नवजात शिशु के पिता इरफान खान ने अपने बयान में कहा था कि उनके नाम और पते को जानने के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने टिप्पणी की थी कि कही वह तबलीगी जमात से आया हो।'

जबकि, रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया। जिसमें खान यह कहते हुए दिखाई दे रहा है कि नवजात की मौत के बाद उसने सोचा कि जो कुछ भी उसके साथ हुआ वह इसलिए था क्योंकि वह एक मुस्लिम है। प्रशासन ने कहा कि उनके बयान से साफ हुआ कि यह उनके केवल 'व्यक्तिगत विचार' हैं। खान को उस वीडियो में यह भी कहते हुए भी देखा गया कि कर्मचारियों ने उन्हें यह नहीं कहा कि उनके परिवार का इलाज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे मुस्लिम हैं।

हालांकि, खान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब प्रशासन द्वारा उनके आरोपों को खारिज करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया है। इसके साथ ही खान का कहना है कि उन्हें पुलिस ने ऐसा बयान देने के लिए दबाव बनाया है।'

उन्होंने कहा कि उन्हें अभी भी विश्वास है कि भरतपुर के आरबीएम जनाना अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके धर्म के बारे में जानने के बाद ही लिए मना किया है। उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों को संदेह था कि हम तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं।

दरअसल, एक नवजात शिशु के पिता ने शनिवार को आरोप लगाया कि राजस्थान के भरतपुर जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने गर्भवती महिला को भर्ती करने से इस वजह से मना कर दिया क्योंकि वह मुस्लिम थी। उनका कहना है है कि उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया। जिसके कारण 32 वर्षीय महिला ने एम्बुलेंस में बच्चे को जन्म दिया और प्रसव के बाद नवजात शिशु की मौत हो गई। 

ऐसा आरोप है कि चिकित्सकों ने महिला और उसके पति को मुस्लिम होने के कारण अस्पताल से वापस लौटा दिया था। महिला के पति इरफान खान के यह आरोप लगाने के बाद कथित चिकित्सकीय लापरवाही मामले में जांच का आदेश दिया गया है। खान ने कहा कि उस पर और उसके परिजन पर जांच पैनल के सामने आरोपों का खंडन करने के लिये दबाव डाला जा रहा है। खान ने संवाददाताओं को बताया कि वह प्रसव पीड़ा झेल रही अपनी पत्नी को शुक्रवार रात सीकरी इलाके के स्वास्थ्य केन्द्र लेकर गया था जहां चिकित्सकों ने मामले को जटिल बताते हुए उन्हें आरबीएम जनाना अस्पताल रेफर कर दिया। 

खान ने कहा, 'मैं शनिवार सुबह जिला अस्पताल पहुंचा जहां एक महिला चिकित्सक ने मेरी विस्तृत जानकारी ली। चिकित्सक ने कहा कि तुम एक मुस्लिम हो और आपका इलाज यहां नहीं हो सकता है। उसने एक अन्य चिकित्सक को हमें जयपुर रेफर करने को कहा। मैं अपनी गर्भवती पत्नी के साथ अस्पताल के बाहर आ गया और मेरी पत्नी ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया और चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मेरे नवजात शिशु की मौत हो गई।'

राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री और भरतपुर के विधायक डॉ। सुभाष गर्ग ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों का एक दल मामले की जांच कर रहा है। गर्ग ने कहा, ‘‘मैंने जिला कलेक्टर को मामले की जांच करने को कहा है। मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह एक दर्दनाक घटना है। ’’ भरतपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नवदीप सिंह सैनी ने मामले में ज्यादा कुछ न बताते हुए कहा कि मामले की जांच एक पैनल कर रहा है। 

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