राजस्थानः यदि बीजेपी उम्मीदवार उतारती तो जीत तो नहीं मिलती, एक्सपोज होने का सियासी खतरा बढ़ जाता!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 14, 2019 08:24 PM2019-08-14T20:24:22+5:302019-08-14T20:24:22+5:30
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस हारी हुई सियासी बाजी में हाथ डाल कर बीजेपी एक्सपोज होने की रिस्क लेना नहीं चाहती थी कि कितने एमएलए उसके साथ हैं.
राजस्थान राज्यसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि बीजेपी ने इस चुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. राज्यसभा उपचुनाव में प्रत्याशी उतारे जाने का फैसला करने के लिए कल प्रदेश कार्यालय में बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन बीजेपी उम्मीदवार उतारने के लिए एक राय नहीं बन पाई, लिहाजा इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया गया.
बीजेपी की बैठक होने के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने दिल्ली फोन पर केंद्रीय नेतृत्व को इस विषयक जानकारी दी. कटारिया ने केंद्र का निर्णय आने तक विधायकों को जयपुर में ही रोक लिया था, लेकिन बाद में केंद्रीय नेतृत्व ने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला कर लिया.
इस वक्त राजस्थान में 10 राज्यसभा सीटों में से 9 बीजेपी के पास हैं और लोकसभा की 25 सीटें भी बीजेपी के पास ही हैं. डाॅ. सिंह के निर्वाचन के साथ ही केन्द्र में राजस्थान से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व हो जाएगा.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस हारी हुई सियासी बाजी में हाथ डाल कर बीजेपी एक्सपोज होने की रिस्क लेना नहीं चाहती थी कि कितने एमएलए उसके साथ हैं. राजस्थान विधानसभा सभा में अभी 200 में से 198 एमएलए हैं. बीजेपी औैर इसकी सहयोगी आरएलपी के पास मिलकर कुल 74 एमएलए ही हैं. यदि बीजेपी चुनाव लड़ती तो जीतना तो संभव नहीं था, बीजेपी के पास इस वक्त कितनी ताकत है, यह एक्सपोज जरूर हो जाता, मतलब.... भविष्य में कर्नाटकी सियासी दांव की सफलता पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता, और यदि बीजेपी उम्मीदवार को 74 से कम वोट मिलते तो एक नई राजनीतिक उलझन खड़ी हो जाती. इसलिए इस चुनाव से दूर रहना ही ठीक समझा गया.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के राजस्थान से राज्यसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने पर सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट किया- यह गर्व की बात है कि पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने राजस्थान से राज्यसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. मैं पूरे राज्य की ओर से उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.
उन्होंने आगे कहा- डॉ. सिंह की भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और यूपीए के दौरान सुधारवादी और कल्याणकारी नीतियों के बारे में उनका अनुभव और गहरी समझ, राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
उल्लेखनीय है कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद, प्रदेश अध्यक्ष रहे मदन लाल सैनी के निधन के कारण राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई थी. पूर्व प्रधानमंत्री डाॅ. मनमोहन सिंह का राज्यसभा में कार्यकाल 14 जून 2019 को समाप्त हो गया था. वे असम से लगातार पांच बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं. अब फिर से राज्यसभा में प्रवेश के लिए उनके लिए राजस्थान सबसे सुरक्षित माना जा रहा था.