जयपुर, 26 जुलाईः राजस्थान प्रदेश भाजपा ने तय किया है कि संगठन में काम करने वालों को विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया जाएगा। संगठन में काम करने वालों को सरकार बनने के बाद ही नई जिम्मेदारी मिलेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने इस संबंध में पिछले दिनों कार्यसमिति की बैठक में संगठन प्रभारियों और जिलाध्यक्षों के सामने यह बात कही है।
भाजपा नेताओं का मानना है कि संगठन में काम करते हुए चुनाव लड़ने की इच्छा के चलते संगठन प्रभारी, जिलाध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी संगठन के काम में ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। रामलाल ने कहा है कि पदाधिकारी संगठन के कामकाज पर ध्यान दें। टिकट देना है या नहीं, यह प्रदेश नेतृत्व पर छोड़ दें।
रामलाल ने यह भी कहा कि किसी को टिकट देने की बात आती है तो उसे संगठन की जिम्मेदारी से तत्काल मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन टिकट देना है या नहीं यह फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगा। संगठन के नेताओं को आगे बढ़कर टिकट मांगने की तरफ ध्यान नहीं देना है। यदि ऐसा होता है तो करीब 150 भाजपा नेता इससे सीधे प्रभावित होंगे। इनमें संगठन प्रभारी, जिलाध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी, मोर्चों की टीम शामिल है।
भाजपा की वर्तमान प्रदेश टीम में कई जनप्रतिनिधि शामिल हैं। प्रदेश महामंत्री अभिषेक मटोरिया वर्तमान में विधायक हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष रामनारायण डूडी, ओम बिड़ला, निहालचंद सांसद हैं जबकि अलका गुर्जर विधायक हैं। प्रदेश मंत्री दीया कुमारी सवाईमाधोपुर से विधायक हैं। किसान मोर्चों के अध्यक्ष कैलाश चौधरी भी विधायक हैं।
माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर को प्रदेश की नई टीम से बाहर किया जाएगा ताकि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाकर चुनाव की तैयारी कर सकें। पार्टी एकाध जनप्रतिनिधियों को ही नई टीम में रखना चाहती है। भारत और देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें. यूट्यूब चैनल यहाँसब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट