राजस्थानविधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने कमर कर ली है। वहीं, सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए ईवीएम-वीवीपैट मशीनों से जुड़ी हर तरह की तकनीकी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं, जिसमें एफएलसी, प्रथम और द्वितीय रेंडमाइजेशन, मॉक पोल सहित सभी काम पूरे किए जा चुके हैं। मशीनों को पूरी तरह जांच-परखकर और मॉक पोल करवाकर जिला स्तर पर बनाए स्ट्रॉन्ंग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच रखवाया जा रहा है।
इधर, निर्वाचन आयोग नेराज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और निर्भीक चुनाव कराने के साथ मतदान केंद्रों पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने, दिव्यांगजनों की मदद के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर दो-दो वोलेंटियर लगाने और क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था मजबूत बनाए रखने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनन्द कुमार का कहना है कि 7 दिसबंर को होने वाले मतदान के लिए 2 लाख से ज्यादा ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। किसी भी स्तर पर कोई तकनीकी समस्या ना आए इसके लिए अधिकारियों को कई बार प्रशिक्षण दिए जा चुके हैं। कोई भी तकनीकी समस्या का बिना देरी किए निस्तारण करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया है कि ईवीएम-वीवीपैट मशीनों की राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष एफएलसी (प्रथम स्तरीय जांच) कर दी गई थी। उम्मीदवारों, पर्यवेक्षकों और भेल के इंजीनियर्स के सामने पहला रैंडमाइजेशन 5 नवंबर को और दूसरा रैंडमाइजेशन 26-28 नवंबर को किया गया। मशीनों का अलॉटमेंट ईवीएम ट्रेकिंग सॉफ्टवेयर (ईटीएस) के जरिए संपूर्ण प्रदेश भर में कर दिया गया है। रैंडमाइजेशन के बाद 5 प्रतिशत मशीनों का रैंडमली चयन कर उन पर 1-1 हजार मॉक पोल कर उन्हें मतदान केंद्रों के लिए रवाना किया जाएगा।
कुमार ने बताया कि मॉकपोल के दौरान डाले गए मतों की संख्या के अनुसार पर्चियों की गणना की गई है और सारे रिकॉर्ड भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सुरक्षित रखा गए है। मतदान के लिए तैयार सभी ईवीएम-वीवीपैट को स्ट्रॉग रूम में कड़ी सुरक्षा में सुरक्षित रखवा दिया जाएगा और मतदान दलों की रवानगी से पहले स्ट्रॉन्ग रूम खोलकर उन्हें मतदान केन्द्रवार मतदान के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी।