राजस्थान चुनावः मोदी-राहुल या दूसरे धाकड़ नेताओं से नहीं, इन 62 लोगों से परेशान हैं भाजपा-कांग्रेस
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 23, 2018 12:34 IST2018-11-23T12:34:18+5:302018-11-23T12:34:18+5:30
केंद्र से कुमारी शैलजा, अविनाश पांडे, सचिन पायलट, अशोक गहलोत सहित तमाम दूसरे नेता यह कोशिश करते रहे कि ऐसी स्थिति ना बने। लेकिन वे इसे टाल नहीं पाए। बीजेपी के साथ भी यही हुआ।

फाइल फोटो
-शीलेश शर्मा
राजस्थान में जीत की उम्मीद लगाई बैठी कांग्रेस के सामने बागी उम्मीदवारों का संकट बड़ी समस्या बन गया है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रदेश के 35 कांग्रेसी नेताओं ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस के औपचारिक उम्मीदवारों के खिलाफ पर्चा दाखिल कर कांग्रेस के सामने यक्ष प्रश्न खड़ा कर दिया है. आज पूरे दिन कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इन बागी उम्मीदवारों को पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में बैठाने के लिए मनाते रहे. हालांकि कांग्रेस को अपनी इस कोशिश में पूरी सफलता तो नहीं मिली लेकिन कुछ उम्मीदवारों को बैठाने में वह कामयाब हो गई.
केंद्र से कुमारी शैलजा, अविनाश पांडे, सचिन पायलट, अशोक गहलोत सहित तमाम दूसरे नेता इस कोशिश में शामिल थे. अकेले जयपुर में जहां 19 सीटें है वहां सात कांग्रेस के बागी उम्मीदवारों ने कड़ी चुनौती पेश कर दी है. हालांकि जयपुर लंबे समय से भाजपा का गढ़ रहा है. बागी उम्मीदवारों को लेकर परेशान केवल कांग्रेस नहीं भाजपा भी 27 बागी उम्मीदवारों के संकट से जूझ रही है. सांगानेर, आमेर, विद्याधरनगर, कोटपुतली, फुलेरा, चोमु जैसी सीटों पर यह बागी उम्मीदवार ताल ठोककर खड़े हैं.
भाजपा के भी तमाम दिग्गज बतौर बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा के औपचारिक उम्मीदवार के खिलाफ ना केवल बिगुल फूंक दिया है बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सलाह भी मानने को तैयार नहीं हो रहे हैं. राजस्थान में भाजपा ने 23 तो कांग्रेस ने 27 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया है.राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, तेलांगाना से भी ऐसी ही खबरें मिल रही है.
तेलंगाना चुनाव : बागियों को मनाने में जुटे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे पर बगावत को थामने के लिए अहमद पटेल और जयराम रमेश सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी की जीत के लिए बागी कार्यकर्ताओं को समझाने-बुझाने में जुटे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एस. जयपाल रेड्डी, एआईसीसी सचिव मधु याशकी गौड़ और पार्टी की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी के साथ पटेल ने बुधवार की रात विकासपति यादव से मुलाकात की. यादव को सेरिलिंगमपल्ली निर्वाचन क्षेत्र से मुकाबले के लिए टिकट नहीं मिला है. सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस, तेदेपा, भाकपा और तेलंगाना जन समिति के महागठबंधन के तहत सेरिलिंगमपल्ली सीट तेदेपा को दी गई है.
जयपाल रेड्डी ने कहा कि सेरिलिंगमपल्ली सीट मित्र पार्टी को दी गई है और यादव का कांग्रेस में भविष्य उज्जवल है. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल करने वाले यादव ने कहा कि पटेल और अन्य नेताओं ने उनसे मुलाकात की और वह उनके अनुरोध को मान गए. गुरूवार को नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि रमेश ने एक अन्य नेता से मुलाकात की जिन्हें मेढ़चल क्षेत्र से टिकट नहीं मिला. रमेश के अनुरोध पर बागी नेता अब पार्टी के लिए काम करने को राजी हो गए हैं.