राजस्थान चुनावः इस सीट पर जोरदार घमासान, त्रिकोणीय मुकाबले में कौन मारेगा बाजी?
By अनुभा जैन | Updated: October 27, 2018 19:24 IST2018-10-27T19:24:35+5:302018-10-27T19:24:35+5:30
इसी साल 'भारत वाहिनी पार्टी' के ऐलान के समय घनश्याम तिवाड़ी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी के आने से गरीब व किसान का राज कायम होगा। काला कानून, किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी, वंचितों को आरक्षण आदि प्रमुख मुद्दे होंगे।

राजस्थान चुनावः इस सीट पर जोरदार घमासान, त्रिकोणीय मुकाबले में कौन मारेगा बाजी?
जयपुर शहर की विधानसभा सीटों में प्रत्याशियों की सबसे पसंदीदा सीट सांगानेर व बगरू बन गई है। यह आमतौर पर होता आया है कि सांगानेर सीट पर ज्यादातर मौकों पर बाहरी पार्टी के उम्मीदवारों ने अमूमन जगह बनायी हैं। भाजपा, कांग्रेस के साथ घनश्याम तिवाड़ी की भारत वाहिनी पार्टी भी सीट के लिये जोर अजमाइश कर रही है।
भाजपा, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को यह साफ कर दिया है कि अगर बाहरी उम्मीदवार इस सीट के लिये उतरता है तो फायदा घनश्याम तिवाड़ी उठा सकते हैं।
हालांकि घनश्याम तिवाड़ी ने खुलकर कुछ भी इस दिशा में कोई संकेत नहीं दिये हैं। भाजपा की ओर से सांसद रामचरण बोहरा, वसुंधरा के विश्वसनीय अशोक परनामी, मेयर अशोक लाहौटी, महिला आयेाग की अध्यक्ष सुमन शर्मा इस सीट पर निगाहें जमाये हुये हैं। विश्व हिंदु परिषद के 20 साल से जुड़े रवीन्द्र शर्मा भी इस सीट के लिये प्रयासरत हैं।
वहीं आपको बता दें कि इसी साल 'भारत वाहिनी पार्टी' के ऐलान के समय घनश्याम तिवाड़ी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी के आने से गरीब व किसान का राज कायम होगा। काला कानून, किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी, वंचितों को आरक्षण आदि प्रमुख मुद्दे होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, विशेष ओबीसी का आरक्षण जारी रख वंचित वर्गों के गरीब बच्चों को भी 14 प्रतिशत का आरक्षण देने की भी कोशिश की जाएगी। उनके इस तरह के बयानों को पार्टी लाइन से विपरीत देखा गया।
घनश्याम तिवाड़ी का राजनीतिक सफर बहुत लंबा रहा है। वह पहली बार 1980 में सीकर विधानसभा से विधायक चुने गए इसके बाद 1985 में यहीं से विधायक बने, 1993 में चौमूं से विधायक बने और फिर 2003 से लगातार तीन बार सांगानेर से विधायक रहे हैं। इस दौरान वह प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।