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राजस्थान चुनावः यहां आजतक कांग्रेस नहीं कर पाई जीत हासिल, इस बार बदल जाएगा इतिहास? 

By रामदीप मिश्रा | Updated: October 19, 2018 07:34 IST

Rajasthan Assembly Election 2018 (राजस्थान चुनाव): प्रदेश में कुल 200 सीटों पर चुनाव होते हैं। इनमें से 142 सीट सामान्य हैं, जबकि 33 सीटें अनुसूचित जाति व 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

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राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए बिगुल फूंका जा चुका है और प्रदेश की दोनों दिग्गज पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही हैं। सबसे बड़ी बात यह कि बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले हाड़ौती क्षेत्र को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा जोरों पर है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के चार जिलों की 17 सीटों में से 16 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था और एक सीट कांग्रेस के कब्जे में रही थी। इन सब के बीच आज आपको कोटा जिले की एक ऐसी सीट के बारे में बताएंगे जिस पर आजतक कांग्रेस सीत हासिल नहीं कर सकी है।

बीजेपी का गढ़ बन गई सीट     

दरअसल, हम बात कोटा दक्षिण की सामान्य सीट की कर रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है और इस सीट का गठन 2008 में किया गया था, तब से लेकर आज तक यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती रही है क्योंकि 2008 और 2013 के दोनों चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है। वहीं, 2014 में बीजेपी से विधायक रहे ओम बिरला जब सांसद बने तो यह सीट खाली हो गई, जिसके बाद उपचुनाव करवाए गए और बीजेपी के उम्मीदवार संदीप शर्मा विजयी घोषित हुए।

कांग्रेस का ये रहा हाल

इस सामान्य सीट का गठन होने के बाद 2008 विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने कद्दावर नेता ओम बिरला को मैदान में उतारा था और जीत हासिल की। इसके बाद पार्टी ने 2013 में उन्हीं पर फिर दांव आजमाया और सीट को अपनी झोली में डाला। इधर, कांग्रेस ने पहली बार हुए इस सीट पर चुनाव में ओम बिरला के खिलाफ रामकिशन को उतारा और दूसरी बार 2013 के चुनाव में पंकज मेहता पर बाजी लगाई, लेकिन उसे जीत हासिल नहीं हो सकी। 

ये हैं पिछले चुनाव के आंकड़े

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनाव में कोटा दक्षिणी सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या दो लाख, 21 हजार, 79 थी, जिसमें से एक लाख, 64 हजार, 328 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कुल मिलाकर यहां 74.33 फीसदी मतदान हुआ था। बीजेपी की ओर से उम्मीदवार ओम बिरला के खाते में एक लाख, 3 हजार, 369 वोट पड़े थे। जबकि, कांग्रेस के उम्मीदवार पंकज मेहता के खाते में 53 हजार, 930 वोट पड़े थे और उन्हें 49 हजार, 439 वोटों से बड़ी हार का सामना करना पड़ा था।  

राजस्‍थान विधानसभा का मौजूदा स्वरूप

उल्लेखनीय है‌ कि राजस्‍‌थान में कुल 200 सीटों पर चुनाव होते हैं। इनमें से 142 सीट सामान्य हैं, जबकि 33 सीटें अनुसूचित जाति व 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। साल 2013 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 163 सीटों के साथ सरकार बनाई बनाई थी। कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी रही जिसे 4, व चौथे नंबर बहुजन समाज पार्टी रही, जिसे 3 सीटों पर जीत मिली। जबकि 7 सीटें निर्दलियों के खाते में गई थीं।

टॅग्स :राजस्‍थान चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसराजस्थान
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