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अश्लील फिल्म मामले में जमानत मिलने के बाद मुंबई की जेल से बाहर आए राज कुंद्रा

By भाषा | Updated: September 21, 2021 12:40 IST

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मुंबई, 21 सितंबर कारोबारी राज कुंद्रा मंगलवार को मुंबई की जेल से बाहर आ गए। अश्लील फिल्म मामले में दो महीने पहले गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी कुंद्रा को एक दिन पहले ही मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत दी थी।

जेल के एक अधिकारी ने बताया कि कुंद्रा को पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे के बाद आर्थर रोड जेल से रिहा किया गया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले ने 50,000 रुपये का मुचलका भरने पर सोमवार को कुंद्रा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी।

कुंद्रा के सहयोगी और सह-आरोपी रयान थोर्पे को भी अदालत ने कथित रूप से अश्लील फिल्में बनाने और कुछ ऐप के माध्यम से उन्हें प्रसारित करने के मामले में जमानत दे दी थी। कुंद्रा के साथ थोर्पे को भी 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

कुंद्रा (46) को न्यायिक हिरासत में मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया था। बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति कुंद्रा को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया था।

पुलिस द्वारा मामले में पूरक आरोप पत्र दायर करने के कुछ दिनों बाद, कुंद्रा ने शनिवार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की। वकील प्रशांत पाटिल के माध्यम से दायर याचिका में कुंद्रा ने दावा किया कि अभियोजन पक्ष को आज तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो कथित पोर्न फिल्म रैकेट में इस्तेमाल किए गए ऐप ‘हॉटशॉट्स’ को अपराध से जोड़ सके।

जांच एजेंसी के अनुसार ‘हॉटशॉट्स’ ऐप का इस्तेमाल आरोपी व्यक्ति अश्लील सामग्री अपलोड करने और स्ट्रीमिंग के लिए कर रहे थे। व्यवसायी ने दावा किया कि कथित संदिग्ध अश्लील सामग्री के निर्माण में उनके ‘‘सक्रिय रूप से’’ शामिल होने का कोई सबूत नहीं था।

कुंद्रा ने आरोप लगाया कि उन्हें मामले में झूठे तरीके से फंसाया गया, प्राथमिकी में उनका नाम भी नहीं था और मामले में प्रतिवादी (पुलिस) ने उन्हें घसीटा है। कारोबारी ने याचिका में दावा किया कि उन्हें ‘‘बलि का बकरा’’ बनाया जा रहा है और इसका कारण जांचकर्ता अच्छी तरह जानते हैं।

पाटिल ने अदालत को बताया कि कुंद्रा के खिलाफ पूरे पूरक आरोप पत्र में एक भी आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले में शिकायत की सामग्री कुंद्रा के खिलाफ किसी भी प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा नहीं करती है।

लोक अभियोजक ने कुंद्रा की याचिका का यह कहकर विरोध करते हुए कहा कि आरोप पत्र दायर किया गया है, इसका मतलब यह नहीं कि आरोपी को जमानत मिल जानी चाहिए। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट भाजीपाले ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 50 हजार रुपये के मुचलके पर कुंद्रा की अर्जी मंजूर कर ली।

पुलिस ने अपने पूरक आरोप पत्र में दावा किया था कि कुंद्रा मामले में ‘‘मुख्य सूत्रधार’’ है और उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फिल्म उद्योग में संघर्ष कर रही युवतियों का अश्लील तरीके से फिल्मांकन करके उनका शोषण किया।

अपराध शाखा ने कुंद्रा और थोर्पे के खिलाफ करीब 1500 पन्नों का आरोपपत्र 15 सितंबर को अदालत में दाखिल किया था। आरोपपत्र में कुंद्रा और थोर्पे के अलावा सिंगापुर निवासी यश ठाकुर और लंदन के प्रदीप बख्शी को वांछित आरोपी के रूप में दिखाया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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