उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई; पांच लोग अब भी लापता
By भाषा | Updated: October 20, 2021 23:27 IST2021-10-20T23:27:30+5:302021-10-20T23:27:30+5:30

उत्तराखंड में बारिश से मरने वालों की संख्या 52 हुई; पांच लोग अब भी लापता
देहरादून/नयी दिल्ली, 20 अक्टूबर भारी बारिश से प्रभावित उत्तराखंड में बुधवार को छह और शव बरामद किए गए, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हो गई। बारिश के चलते हुए भूस्खलन से अनेक सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और अनेक गांवों में बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नष्ट मकानों के मलबे से आज छह और शव मिले। पांच लोग अब भी लापता हैं तथा बारिश से जुड़ी घटनाओं में 17 लोग घायल हुए हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार ज्यादातर लोगों की मौत मकानों के गिरने के कारण हुईं। नैनीताल जिले में ही 28 लोगों की मौत हुई है।
उत्तराखंड में लापता लोगों के आधिकारिक आंकड़ों में एक ट्रेकिंग टीम के वे 11 सदस्य शामिल नहीं हैं जो उत्तरकाशी से रवाना हुए थे, लेकिन पड़ोसी हिमाचल प्रदेश के चितकुल में अपने गंतव्य पर नहीं पहुंच पाए।
एक असंबंधित घटना में, भारत-चीन सीमा के पास एक आईटीबीपी गश्ती दल के साथ जा रहे तीन कुली बर्फ में दब गए और उन्हें मृत माना जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने कहा कि उसने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से सैकड़ों लोगों को बचाया है। बल ने राज्य में 17 बचाव दल तैनात किए हैं।
एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘एनडीआरएफ के बचावकर्मियों ने अब तक उधम सिंह नगर और नैनीताल से 1,300 से अधिक फंसे लोगों को निकाला है। वे उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री भी वितरित कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर में छह, उत्तरकाशी और चमोली में दो-दो तथा देहरादून, चम्पावत, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में एक-एक टीम को तैनात किया गया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कुमाऊं के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा किया और अधिकारियों को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और नैनीताल से सांसद अजय भट्ट तथा राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत के साथ, धामी उधम सिंह नगर जिले में जलभराव वाले स्थानों को पार करने के लिए एक ट्रैक्टर पर सवार हुए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "खड़ी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है, घरों में पानी घुस गया है। मैं प्रभावित इलाकों में घर-घर जा रहा हूं ताकि लोगों का दर्द बांट सकूं।"
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में हालात का जायजा लेने के लिए बुधवार रात राजधानी देहरादून पहुंच सकते हैं। वह बृहस्पतिवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी कर सकते हैं।
पर्यटन शहर नैनीताल में बुधवार को स्थिति सामान्य होने लगी है। गोला नदी में उफान के चलते नैनीताल में काठगोदाम रेलवे स्टेशन की पटरियों को नुकसान पहुंचा है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि काठगोदाम में क्षतिग्रस्त पटरियों की मरम्मत में चार या पांच दिन लग सकते हैं।
नैनीताल में बारिश थमने से पर्यटक बाजार में शॉपिंग करने और पर्यटन के लिए निकले। शहर में टैक्सियां आम दिनों की तरह चलती दिखाई दीं।
उत्तर प्रदेश से आए एक पर्यटक ने कहा, ''मंगलवार को लगातार बारिश होने के कारण हम अपने होटल में ही बंद रहने को मजबूर हुए।''
बुधवार सुबह तक सड़क से पानी लगभग पूरी तरह हट चुका था। नैनी झील के उफान पर होने से पानी सड़कों पर आ गया था और जलभराव से चलना मुश्किल हो गया था।
अधिकारियों ने बताया कि शहर में बारिश के कारण प्रभावित हुई बिजली आपूर्ति और फोन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है। हालांकि, दूर-दराज के गांवों में अभी आपूर्ति प्रभावित है।
नैनीताल के जिलाधिकारी धीरज गर्बियाल ने कहा कि मौसम में सुधार के साथ ही दिन के दौरान राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लायी जाएगी।
वहीं, नैनीताल से जुड़ने वाले हल्द्वानी और कालाडूंगी मार्ग को आंशिक रूप से यातायात के लिए खोल दिया गया है। इन मार्गों से सोमवार को पूरी तरह जबकि मंगलवार को आशिंक तौर पर संपर्क टूट गया था। कुछ स्थानों पर भूस्खलन की आशंका के चलते नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग पर केवल हल्के वाहनों की आवाजाही बहाल की गई है।
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